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निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश को फ्रॉड बिल्डर ने  दो-दो प्लॉट दे डाले, अंसल के महाघोटाले की रफ्तार इसी ‘गिव एन्ड टेक’ पॉलिसी ने बढ़ाई

अंसल एपीआई (Ansal API) की सुशांत गोल्फसिटी टाउनशिप (Sushant Golf City Township) में वर्षों से जहां हजारों निवेशक एक प्लॉट पाने को तरस रहे हैं। वहीं सोलर प्रोजेक्ट में 400 करोड़ से ऊपर के घूसखोरी कांड में सुर्खियां बटोर रहे निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश (Suspended IAS Abhishek Prakash) को लखनऊ डीएम रहते फ्रॉड बिल्डर ने कॉर्नर के कीमती दो-दो प्लॉट दे डाले।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। अंसल एपीआई (Ansal API) की सुशांत गोल्फसिटी टाउनशिप (Sushant Golf City Township) में वर्षों से जहां हजारों निवेशक एक प्लॉट पाने को तरस रहे हैं। वहीं सोलर प्रोजेक्ट में 400 करोड़ से ऊपर के घूसखोरी कांड में सुर्खियां बटोर रहे निलंबित आईएएस अभिषेक प्रकाश (Suspended IAS Abhishek Prakash) को लखनऊ डीएम रहते फ्रॉड बिल्डर ने कॉर्नर के कीमती दो-दो प्लॉट दे डाले। वो भी पार्क की जमीन पर। 2019 में अंसल के खिलाफ रेरा ने 600 करोड़ का फंड डायवर्जन का नोटिस दिया था।

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इसी के बाद अभिषेक प्रकाश को डीएम लखनऊ (Abhishek Prakash DM Lucknow) का चार्ज मिला था। खैर पार्क पर खड़े दोनों प्लॉट्स को जोड़कर बनाया गया साहब का आलीशान बंगला देखते ही बनता है। अंसल के महाघोटाले की रफ्तार इसी ‘गिव एन्ड टेक’ की पॉलिसी ने बढ़ाई है। जिन आवंटियों से पार्क के नाम पर लाखों रुपये प्राइम लोकेशन चार्ज अंसल द्वारा लिए गए थे। उनकी रजिस्ट्री में लिखा था कि पार्क न मिलने पर नौ फीसदी ब्याज संग पैसा वापस किया जाएगा। यहां रह रहे पुराने निवासियों के पास मौजूद नक्शे में पार्क दर्ज है। पार्क की जमीन तमाम रसूखदारों को बेच दी गयी। इसके लिए बाद में डीपीआर से खिलवाड़ किये जाने की भी प्रबल संभावना है।

दोनों भूखण्डों की रजिस्ट्री के बाद 2020 में एलडीए वीसी (LDA VC) का एक्स्ट्रा चार्ज डीएम रहे अभिषेक प्रकाश के कंधों पर आया था। अंसल ग्रुप (Ansal Group)की सुशांत गोल्फ सिटी (Sushant Golf City Township) महाघोटाला टाउनशिप की निगरानी का जिम्मा तो इसी एलडीए का ही है, आगे आप समझदार हैं। कितना लाभ इन अफसरों और नेताओं ने बिल्डर को पहुंचाया है। ये तो वही जाने। डीएम अंसल के खिलाफ अरबों की रिकवरी वसूलने में गंभीर नहीं हैं। सैकड़ों करोड़ की सरकारी जमीनों को खुलेआम बेच डाला गया। वहीं डीपीआर में मनमाफिक बदलाव अंसल को फायदा पहुंचाने के लिए जमकर एलडीए अफसरों ने किए।

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