ग्रह मंडल में बृहस्पति देव को देवताओं का गुरु होने सौभाग्य प्राप्त है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ब्राह्मण में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों देवता बृहस्पति देव है।
Dev Guru Brihaspati Ast : ग्रह मंडल में बृहस्पति देव को देवताओं का गुरु होने सौभाग्य प्राप्त है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, ब्राह्मण में सभी प्रकार के मांगलिक कार्यों देवता बृहस्पति देव है। ग्रहों के उदय और अस्त होने का प्रभाव जीव जगत और वनस्पतियों पर पड़ता है।गुरु को संतान, धन, भाग्य और ज्ञान आदि का कारक माना जाता है। वैदिक ज्योतिष में देवगुरु बृहस्पति को सबसे अधिक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है। 23 फरवरी 2022 को बृहस्पति देव अस्त होने जा रहे है। इसके बाद 24 मार्च तक अस्त रहेंगे बृहस्पति देव।
मांगलिक कार्यो पर प्रतिबंध रहेगा
इसके बाद सीधे 17 अप्रैल से विवाह के मुहूर्त प्रारंभ होंगे। इस प्रकार कुल 53 दिन विवाह समेत अन्य मांगलिक कार्यो पर प्रतिबंध रहेगा। इस बीच 14 मार्च से मीन मलमास प्रारंभ हो जाएगा जो 14 अप्रैल तक रहेगा। इस कारण विवाह का अगला शुभ शुद्ध मुहूर्त 17 अप्रैल को होगा।
अच्छे नैतिक गुण पाए जाते हैं
ज्योतिष के अनुसार, यदि किसी जातक का गुरु मजबूत होता है तो उसमें अच्छे नैतिक गुण पाए जाते हैं एवं वह ज्ञानवान होता है। व्यक्ति की आर्थिक स्थिति अच्छी होती है। पद, प्रतिष्ठा, प्रमोशन, शुभ कार्य, यात्रा आदि का कारक गुरु ही होता है।
कमजोर गुरु सेहत पर भी बुरा असर डालता है
गुरु के कमजोर होने पर जातक को या तो पढ़ाई बीच में ही छोड़ने पड़ती है या वह मनमुताबिक पढ़ाई नहीं कर पाता है। गुरु के दुर्बल होने से करियर में भी संघर्ष करना पड़ता है। कमजोर गुरु सेहत पर भी बुरा असर डालता है।