सनातन धर्म में मां गंगा को मोक्षदायिनी माना जाता है। सनातन जीवन शैली में गंगाजल के बिना जीवन के हर कर्म अधूरे माने जाते है।
Gangaajal Ke Totke : सनातन धर्म में मां गंगा को मोक्षदायिनी माना जाता है। सनातन जीवन शैली में गंगाजल के बिना जीवन के हर कर्म अधूरे माने जाते है। ऐसी धार्मिक मान्यता है कि गंगाजल से पवित्रीकरण करने के उपरान्त ही किसी धार्मिक आयोजन की शुभारंभ होती है। भारतीय जीवन शैली में मां गंगा को जीवन रेखा भी कहा गया है। गंगाजल को हमेशा साफ-सुथरी जगह पर रखना चाहिए। इसके आसपास कोई अशुद्ध चीजें न रखें।सबसे अच्छा है कि गंगाजल को पूजा घर में रखें ।
गंगाजल बहुत पवित्र होता है और उसे शुद्ध धातु में बने पात्र में ही रखना चाहिए। इसके लिए तांबे या चांदी के बर्तन सर्वश्रेष्ठ होते हैं। गंगाजल को कभी भी प्लास्टिक की बोतल में रखने की गलती न करें ।गाजल को कभी भी गंदे हाथों से न छुएं। हमेशा हाथ धोकर ही गंगाजल को छुएं। ज्योतिष शास्त्र में गंगाजल को लेकर कई तरह के उपाय और टोटके बताए गए हैं। इस उपायों को अगर सही तरह के किया जाए तो कई तरह की समस्या जीवन से दूर हो जाती है।
नौकरी
बेरोजगार लोग लगातार 40 दिन तक पीतल के लोटे में साधारण जल भरकर उसमें गंगाजल की 11 बूंदे डालें। इस जल को 5 बेलपत्र के साथ शिवलिंग में अर्पित करें। ऐसा करने से नौकरी मिलने का मार्ग प्रशस्त होने लगता है।
विवाह
घर में बेटी की शादी नहीं हो रही है तो नहाने के पानी में गंगाजल और चुटकी भर हल्दी मिलाएं। ये उपाय लगातार 21 दिन तक करें। ऐसा करने से बेटी के विवाह में जो भी अड़चन आ रही हैं, वह दूर होगी और योग्य वर मिलेगा।
कर्ज
लगातार बढ़ते कर्ज के बोझ तले परेशान हैं तो पीतल के लोटे में गंगाजल भरकर इसे घर में उत्तर-पूर्व दिशा की तरफ वाले कोने में रख दें। इस लोटे के मुंह लाल कपड़े से ढक दें। ऐसा करने से कर्ज का बोझ धीरे-धीरे कम होने लगता है।
नकारात्मकता
गंगाजल में काफी चमत्कारिक गुण होते हैं। गंगाजल को घर में रखने से नेगेटिविटी दूर होती है। रोजाना शिवलिंग में गंगाजल चढ़ाने से भगवान भोलेनाथ जल्द प्रसन्न होते हैं और अपना आशीर्वाद बनाए रखते है।