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Gangasagar Snan 2024 : मकर संक्रांति पर गंगा सागर में स्नान का है पौराणिक महत्व , श्रद्धालु चढ़ाते है सागर को नारियल

गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति के मौके पर गंगा सागर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति पर गंगा सागर में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Gangasagar Snan 2024 : गंगा स्नान करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। मकर संक्रांति के मौके पर गंगा सागर में लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मकर संक्रांति पर गंगा सागर में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। देश का प्रसिद्ध गंगा सागर मेला भी मकर संक्रांति पर आयोजित किया जाता है। पुरानी कहावत है, सारे तीर्थ बार-बार, गंगा सागर एक बार। गंगा सागर में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और स्नान, जप-तप, दान, तर्पण आदि करते हैं।

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गंगा सागर को महातीर्थ का दर्जा प्राप्त है। दुनिया से लाखों श्रद्धालु मकर संक्रांति के दिन डूबकी लगाने के लिए पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना के सागर द्वीप स्थित गंगा सागर पहुंचने लगे हैं।  गंगा सागर में मुख्य स्नान 15 जनवरी मकर संक्रांति के पड़ेगा। मेला 16 तक चलेगा। गंगा सागर का मेला हुगली नदी के तट पर लगता है, यह वही जगह है, जहां गंगा बंगाल की खाड़ी में जाकर मिल जाती है। जहां गंगा और सागर का मिलन होता है, उस स्थान को गंगा सागर कहा जाता है।

पौराणिक कथा के अनुसार, जब माता गंगा भगवान शिव की जटा से निकलकर पृथ्वी पर पहुंची थीं तब वह भागीरथ के पीछे-पीछे चलकर कपिल मुनि के आश्रम में जाकर सागर में मिल गई थीं, वह दिन संक्रांति का दिन था। मां गंगा के पावन जल से राजा सागर के साठ हजार शापग्रस्त पुत्रों का उद्धार हुआ था। इस घटना की याद में तीर्थ गंगा सागर का नाम प्रसिद्ध हुआ।

गंगासागर में स्नान के बाद सूर्यदेव को अर्ध्य दिया जाता है और श्रद्धालु सागर को नारियल और पूजा से संबंधित चीजें भेंट करते है।

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