गरुड़ पुराण सनातन धर्म का विशेष ग्रंथ है। इस ग्रंथ में जीवन के बाद मृत्यु के होने पर जीव की क्या गति होती है इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है।
Garuda Puran: गरुड़ पुराण सनातन धर्म का विशेष ग्रंथ है। इस ग्रंथ में जीवन के बाद मृत्यु के होने पर जीव की क्या गति होती है इसके बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। मृत्यु के बाद जीव की आत्मा की शान्ति के इसका पाठ सुना जाता है। इस इस ग्रंथ में कर्मों का लेखा-जोखा बताया गया है। इस पुराण के अधिष्ठाता देव भगवान विष्णु हैं। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि रात में यानी सूर्यास्त के बाद दाह संस्कार करने की मनाही है।
अहंकार से रहें दूर
गरुड़ पुराण के मुताबिक मनुष्य को कभी अपनी संपत्ति पर अहंकार नहीं करना चाहिए। संपत्ति पर अभिमान करने वालों पर मां लक्ष्मी कभी भी अपनी कृपा नहीं बरसाती और रूठ कर चली जाती हैं।
भगवान को लगाएं भोग
गरुड़ पुराण के अनुसार घर की रसोई में बनने वाले भोजन का सबसे पहला भोग भगवान को लगाना चाहिण्। पहला भोग भगवान को लगाने से सभी देवी-देवता प्रसन्न होते हैं और घर में हमेशा मां लक्ष्मी का वास रहता है।
धर्म ग्रंथों का पाठ करें
अगर आप घर में रामायण, महाभारत, गरुड़ पुराण का अध्ययन करते हैं तो ऐसे में आपके घर में सुख और शांति हमेशा बनी रहती हैं।