केंद्र सरकार (Central Govt) की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर अवधि के लिए आंकड़े जारी किए जा सकते हैं। हालांकि उससे पहले एसबीआई रिसर्च (SBI Research) ने अपनी रिपोर्ट में जुलाई-सितंबर तिमाही की जीडीपी को औसत से 0.30 प्रतिशत कम करते हुए उसे 5.8 प्रतिशत कर दिया है।
नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Govt) की ओर से वित्तीय वर्ष 2022-23 की दूसरी तिमाही जुलाई से सितंबर अवधि के लिए आंकड़े जारी किए जा सकते हैं। हालांकि उससे पहले एसबीआई रिसर्च (SBI Research) ने अपनी रिपोर्ट में जुलाई-सितंबर तिमाही की जीडीपी को औसत से 0.30 प्रतिशत कम करते हुए उसे 5.8 प्रतिशत कर दिया है।
एसबीआई के मुख्य आर्थिक सलाहकार सौम्य कांति घोष (Soumya Kanti Ghosh, Chief Economic Advisor, SBI) की अगुवाई वाली टीम का कहना है कि दूसरी तिमाही में बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र को छोड़कर बाकी कंपनियों के ऑपरेटिंग प्रॉफिट में 14 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई। पिछले वर्ष इसी तिमाही में 35 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई थी।
एसबीआई रिसर्च (SBI Research) की रिपोर्ट के अनुसार कंपनियों के राजस्व में वृद्धि दिखी है पर उनके लाभ में पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत की गिरावट आई है। बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र को छोड़कर अन्य लिस्टेड कंपनियों के मार्जिन पर दबाव दिखा है। रिपोर्ट के अनुसार दूसरी तिमाही में कंपनियों का उत्पादन लागत बढ़ने से ऑपरेटिंग मार्जिन (Operating Margin) घटकर 10.9 फीसदी रह गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 17.7 प्रतिश्त था।
रिपोर्ट के अनुसार इस अवधि में जीडीपी (GDP) अपने औसत अनुमान 6.1 प्रतिशत से घटकर 5.8 प्रतिशत रह सकती है। साथ ही, रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में ओवरऑल जीडीपी 6.8 प्रतिशत रह सकती है। यह भारतीय रिजर्व बैंक के पिछले अनुमान से 0.20 प्रतिशत कम है। बता दें कि एसबीआई रिसर्च (SBI Research) ने ये अनुमान 41 अग्रणी संकेतकों के समूह पर आधारित समग्र सूचकांक पर आधारित है।