चमोली। उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने के बाद बड़ी तबाही आई है। जल प्रलय से हुई तबाही में अभी भी करीब 200 लोगों पता नहीं लग पाया है। हालांकि, राहत और बचाव कार्य में लगी टीमें उनकी तलाश में जुटी है। वहीं, बिजली परियोजना की सुरंग में फंसे हुए करीब 30 से 35 लोगों को सुरंग से निकालने का प्रयास जारी है।
मंगलवार को रैणी गांव स्थित ऋषिगंगा परियोजना की साइट से चार और शव मिले। इस तरह कुल मृतकों की संख्या 32 तक पहुंच गई है। बता दें कि, रैणी तपोवन त्रासदी में बिजली परियोजना की टनल में तीन दिन से फंसे लोगों को रेस्क्यू करना मुश्किल होता जा रहा है। हालांकि, राहत और बचाव कार्य में जुटी सेना, आईटीबीपी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ मौके पर राहत और बचाव कार्य में जुटी है।
लेकिन टनल के अंदर के हालात ऐसे हैं कि फंसे लोगों तक पहुंचना चुनौती बना हुआ है। वहीं एसडीआरएफ कमाडेंट नवीनत भुल्लर ने बताया कि बचाव अभियान के दौरान जितनी सफाई तेजी से हो रही है उतना मलवा भी पीछे से आ जा रहा है, जिसके कारण परेशानी थोड़ी बढ़ जा रही है। यही कारण है कि घटना के पहले ही दिन टनल 70 मीटर तक खोल दी गई थी, जबकि इसके शेष दो दिन में कुल और 80 मीटर ही सफाई हो पाई है। जवान लकड़ी के फट्टे बिछाकर रास्ता बना रहे हैं।