केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) कुछ क्षेत्रों की संपत्तियों को बेचने या फिर उन्हें लीज पर देने की तैयारी कर ली है। इसके तहत सरकार ने छह लाख करोड़ रुपये (six lakh crore rupees) जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मोदी सरकार (Modi government) बुनियादी ढांचा को मजबूत करने के लिए ये कदम उठाने का दावा कर रही है।
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार (Modi government) कुछ क्षेत्रों की संपत्तियों को बेचने या फिर उन्हें लीज पर देने की तैयारी कर ली है। इसके तहत सरकार ने छह लाख करोड़ रुपये (six lakh crore rupees) जुटाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। मोदी सरकार (Modi government) बुनियादी ढांचा को मजबूत करने के लिए ये कदम उठाने का दावा कर रही है।
वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) ने योजनाबद्ध तरीके से खाका तैयार करते हुए बताया कि इसकी प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से 2025 तक चलेगी। वित्तमंत्री (Finance Minister) का कहना है कि लीज पर दी हुई संपत्तियों का स्वामित्व सरकार के पास बना रहेगा।
वित्तमंत्री (Finance Minister) ने कहा कि, संपत्ति मुद्रीकरण में जमीन नहीं बेची जाएगी, बल्कि इस्तेमाल में नहीं आने वाली संपत्तियों का ही मुद्रीकरण होगा। एनएमपी के तहत जिन सेक्टरों की पहचान की गई है, उसमें सड़क, रेलवे और ऊर्जा क्षेत्र शामिल हैं। केंद्र की मुख्य संपत्तियों के मुद्रीकरण से चार वर्षों में यानी वित्त वर्ष 2022 से 2025 के दौरान छह लाख करोड़ रुपये जुटाए जाएंगे।
सड़कों-रेलवे से सबसे ज्यादा 3 लाख करोड़ जुटाने की तैयारी
• हाईवेः 1.6 लाख करोड़
• रेलवेः 1.5 लाख करोड़
• पावर ट्रांसमिशनः 45,200 करोड़ जुटाए जाएंगे
• पावर जेनरेशन: 39,832 करोड़ का लक्ष्य रखा है।
. टेलीकॉमः 35,100 करोड़
. वेयरहाउसिंग: 28,900 करोड़ मिल सकते हैं
. नेचुरल गैस पाइपलाइनः 24,462 करोड़
. प्रोडक्ट पाइपलाइन/अन्यः 22,504 करोड़
• खननः 28,747 करोड़ एविएशन: 20,782 करोड़
•पोर्ट्स: 12,828 करोड़
• स्टेडियमः 11,450 करोड़
. अर्बन रियल एस्टेटः 15,000 करोड़, इनमें ज्यादर संपत्यिां दिल्ली में
नेहरू स्टेडियम, तीन अन्य साई स्टेडियम भी ठेके पर
सरकार ने इस योजना में दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम व भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के तीन स्टेडियम भी भी रखे हैं। इनमें बंगलूरू व जीरकपुर के दो क्षेत्रीय केंद्र हैं।