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ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ के नैक मूल्यांकन हेतु प्रस्तुतिकरण की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की समीक्षा

यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को राजभवन में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ के नैक मूल्यांकन हेतु तैयार एसएसआर रिपोर्ट के प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। विश्वविद्यालय पहली बार नैक ग्रेडिंग के लिए मूल्यांकन हेतु एसएसआर दाखिल करने की तैयारी कर रहा है।

By संतोष सिंह 
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लखनऊ । यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने सोमवार को राजभवन में ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय, लखनऊ के नैक मूल्यांकन हेतु तैयार एसएसआर रिपोर्ट के प्रस्तुतिकरण की समीक्षा की। विश्वविद्यालय पहली बार नैक ग्रेडिंग के लिए मूल्यांकन हेतु एसएसआर दाखिल करने की तैयारी कर रहा है।

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राज्यपालने प्रस्तुतिकरण में नैक हेतु मूल्यांकन के सभी सातों क्राइटेरिया पर विश्वविद्यालय की नैक कमेटी के सदस्यों से प्रत्येक बिंदु पर तैयारियों की जनाकरी ली। उन्होंने कहा कि सभी क्राइटेरिया में प्रत्येक बिंदु के सुदृढ़ प्रस्तुतिकरण को प्रतिबद्धता से बेहतर बनाएं। बैठक में क्राइटेरिया-1 के प्रस्तुतिकरण के दौरान भाषा विश्वविद्यालय की प्रकृति के अनुरूप स्किल कोर्सेज में शार्टहैण्ड और टाइप के कौशल वृद्धि वाले कोर्सेज जोड़ने का सुझाव दिया गया। जबकि क्राइटेरिया-2 के विवरण का अवलोकन करते हुए राज्यपाल ने एक ही प्रवृति के फोटो न लगाकर विविध गतिविधियों के फोटो लगाने को कहा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को भी प्रतिभागिता के लिए प्रोत्साहित किया जाए। उन्होंने विद्यार्थियों की शिकायतों का अनुश्रवण करने, उनकी व्यक्तिगत समस्याओं की भी जानकारी रखने और उसमें समाधान हेतु सहयोग करने पर भी जोर दिया।

क्राइटेरिया-3 के अवलोकन में भी राज्यपाल ने सुधार के व्यापक निर्देश दिए। उन्होंने शोध विवरण में शोध विद्यार्थियों के फोटो दर्शाने, फोटोग्राफ को छायाप्रति में न दर्शाकर उच्च गुणवत्ता के वास्तविक फोटो लगाने, विश्वविद्यालय के नाम के ही पेटेंट विवरण में जोड़ने, गतिविधि युक्त फोटो लगाने तथा एक्सटेंशन गतिविधि के विवरण में विश्वविद्यालय परिसर के बाहर की गतिविधियों के फोटो जोड़ने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को लखनऊ के अन्य विश्वविद्यालयों में भी गतिविधि के लिए भेजा जाए। इसी क्रम में उन्होंने वर्तमान में वृक्षारोपण अभियान में बड़े स्तर पर गतिविधि संचालन करने को कहा। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय अपने वृक्षारोपण अभियान में ग्रामीण महिलाओं, विद्यार्थियों और बच्चों को भी जोड़ें तथा इस गतिविधि के उत्कृष्ट फोटो अपने एसएसआर में दर्शाएं।

समीक्षा के दौरान राज्यपाल ने प्रस्तुतिकरण प्रारूप में एकरूपता न होने को लक्ष्य करते हुए विश्वविद्यालय की नैक टीम को एक साथ बैठकर कार्य करने और वांछित सुधार के निर्देश दिए। उन्होंने पुस्तकालय में बेहतर पुस्तकों का संग्रह बढ़ाने के लिए कहा। इसके लिए उन्होंने अन्य विश्वविद्यालय तथा कॉलेजों की पुस्तकों की उपलब्धता के लिए एमओयू करने तथा विद्यार्थियों को उनकी पुस्तकों की ऑनलाइन उपलब्धता कराने हेतु कार्य करने को कहा। उन्होंने विश्वविद्यालय की आईटी पॉलिसी में भी आवश्यक संशोधन के निर्देश दिए और क्राइटेरिया-4 के विवरण में म्यूजियम का विवरण भी जोड़ने को कहा। क्राइटेरिया-5 में स्टूडेंट सर्पोट एण्ड प्रोग्रेस का विवरण आवलोकित करते हुए राज्यपाल जी ने देश के विकास हेतु संचालित हो रही नवीनतम गतिविधियों पर कार्यशालाएं आयोजित करने, यूनीफार्म सिविल कोड पर विद्यार्थियों की स्पीच आयोजित कराने और विश्वविद्यालय के बाहर इस पर जानकारी के कार्यक्रम आयोजित कराने को कहा।

विश्वविद्यालय के गत पांच वर्षों के विकास को प्रस्तुतिकरण में दर्शाने की चर्चा करते हुए राज्यपाल जी ने मुख्य मार्ग से विश्वविद्यालय तक जाने वाले मार्ग को पक्का कराने के लिए कहा। उन्होंने वेस्ट प्रैक्टिस के बिंदु पर प्रस्तुतिकरण में आंगनवाड़ी किट वितरण से बच्चों में शिक्षा हेतु केन्द्र पर आने मे बढ़ी रूचि, गोद लिए टीवी ग्रस्त बच्चों के स्वस्थ होने का विवरण, कुपोषण ग्रस्त गोद लिए बच्चों के स्वस्थ होने का विवरण, गोद लिए गाँवों में जागरूकताओं का विवरण और वहाँ संस्थागत प्रसवों की बढ़ी संख्या का विवरण, विश्वविद्यालय में विद्यार्थियों द्वारा चलाई जा रही ग्रामीण बच्चों की बाल पाठशाला में शिक्षा ले रहे बच्चों की संख्या और पाठशाला में संसाधन वृद्धि करने का निर्देश भी दिया। उन्होंने कहा कि गाँवों से आने वाले बच्चों को उनके उपयोग में आने वाली वस्तुएं भेंट करने के लिए विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को प्रेरित करें। उन्होंने शिक्षा लेने वाले इन बच्चों के वीडियो क्लिप बनाकर हाइपर लिंक में लगाने को कहा। राज्यपाल जी ने टीम के सभी सदस्यों को एक साथ बैठकर एक जैसे फार्मेट पर प्रस्तुतिकरण बनाने को कहा। उन्होंने नैक के उच्चतम ग्रेड हेतु तैयारी करने को प्रेरित किया।

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बैठक में अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा पंकज जॉनी, कुलपति प्रो. एनबी सिंह तथा विश्वविद्यालय की नैक टीम के सभी सदस्य उपस्थित थे।

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