भगवान भोलेनाथ को समर्पित प्रदोष व्रत मनोकामनाओं को सिद्ध करने वाला माना जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार,भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों पर विशेष कृपा करते है।
Guru Pradosh Vrat 2022 : भगवान भोलेनाथ को समर्पित प्रदोष व्रत मनोकामनाओं को सिद्ध करने वाला माना जाता है। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार,भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों पर विशेष कृपा करते है। प्रदोष व्रत में भगवान भोलेनाथ और मां पार्वती की पूजा की जाती है। इस बार वैशाख माह में पड़ने वाले प्रदोष व्रत में सर्वार्थ सिद्धि योग बना रहा है। पंचांग के अनुसार,प्रत्येक माह में दो बार त्रयोदशी तिथि पड़ती है। एक कृष्ण पक्ष में और दूसरा शुक्ल पक्ष मेंं। त्रयोदशी तिथि को प्रदोष व्रत रखा जाता है। वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी गुरुवार, 28 अप्रैल को पड़ने वाली है।इस दिन गुरुवार दिन होने से यह गुरु प्रदोष व्रत है।
ज्योतिष ग्रंथों के अनुसार,प्रदोष व्रत रखने से आपका चंद्र दोष दूर होता है। अर्थात शरीर में बसा चंद्र तत्व सुधर जाता है। इसके साथ ही जिन जातकों को पुत्र की कामना रहती है उनकी यह मनोकामना भी इस व्रत के रहने पूरी होती है। प्रदोष व्रत रखने से शिवजी प्रसन्न होते हैं।