देश में 5जी नेटवर्क लागू करने के खिलाफ जूही चावला (Juhi Chawla) ने याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से पहले के आदेश में संशोधन की मांग की थी। इतना ही नहीं इस मामले मे तकरीबन 20 लाख का जुर्माना भी लगाया था।
मुंबई: साल के शुरुआत जनवरी में बॉलीवुड एक्ट्रेस जूही चावला (Juhi Chawla) ने 5G के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी। याचिका में उन्होने बच्चों पर इसके प्रभाव पर चिंता व्यक्त की थी। वहीं दूसरी तरफ देश में 5जी नेटवर्क लागू करने के खिलाफ जूही चावला (Juhi Chawla) ने याचिका दायर कर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) से पहले के आदेश में संशोधन की मांग की थी। लेकिन अब उन्होने दिल्ली हाई कोर्ट से अपनी याचिका वापस ले ली है। इस मामले में अब एक नया मोड ले लिया है
आपको बताते चलें अब जूही चावला (Juhi Chawla) चाहतीं हैं कि ‘खारिज’ शब्द को बदलकर ‘अस्वीकार’ कर दिया जाए। उनके वकील ने अपने तर्क में कहा कि वादी, जो “कभी भी मुकदमे के स्तर तक नहीं गई”, केवल सिविल प्रक्रिया संहिता के संदर्भ में खारिज या वापस किया जा सकता है।
दरअसल, जूही चावला (Juhi Chawla) ने जानवरों और वनस्पति तथा जीवों पर रेडिएशन से पड़ने वाले प्रभाव से संबंधित मुद्दे उठाए थे। मूल आदेश न्यायमूर्ति जेआर मिधा (Justice JR Midha) ने पारित किया था, जो जून में सेवानिवृत्त हुए थे।
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मामला न्यायमूर्ति संजीव नरूला के समक्ष सूचीबद्ध हुआ जिन्होंने मामले को रोस्टर पीठ के समक्ष रखने का निर्देश दिया और मामले को 29 जुलाई के लिए टाल दिया।
चावला (Juhi Chawla) ने अपनी याचिका में दावा किया कि एक बार 5जी (5g) लागू हो जाने के बाद कोई भी एक्सपोजर से बच नहीं पाएगा। लेकिन अदालत ने याचिका को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि यह प्रचार के लिए दायर की गई है। इतना ही नहीं बल्कि कोर्ट ने कहा कि ऐक्ट्रेस ने सुनवाई के लिंक को सोशल मीडिया पर प्रसारित किया जिससे तीन बार व्यवधान पैदा हुआ।
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हाई कोर्ट ने चावला के वकील दीपक खोसला से कई सवाल किए थे। वहीं दूसरी तरफ कोर्ट ने कहा था की कोर्ट इस याचिका के खिलाफ नहीं है बल्कि यह चाहती है कि सरकार उस पर अपना प्रमाण पत्र जारी करे उन्हे सरकार इसकी पुष्टि दे।