लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देश का सियासी पारा बढ़ा हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप के साथ ही एक दूसरे पर गंभीर आरोप का दौर भी जारी है। लोकतंत्र को बचाने और लोकतंत्र को खत्म करने की भी बातें कहीं और सुनी जा रहीं हैं। इन सबके बीच इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के साथ हुए घटनाक्रम ने सियासी बखेड़ा खड़ा कर दिया।
नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर देश का सियासी पारा बढ़ा हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप के साथ ही एक दूसरे पर गंभीर आरोप का दौर भी जारी है। लोकतंत्र को बचाने और लोकतंत्र को खत्म करने की भी बातें कहीं और सुनी जा रहीं हैं। इन सबके बीच इंडिया गठबंधन के प्रत्याशियों के साथ हुए घटनाक्रम ने सियासी बखेड़ा खड़ा कर दिया। विपक्षी दल भी इसको लेकर भाजपा पर हमलावर हो गए। एक के बाद एक हमले भी विपक्ष के नेताओं की तरफ से किए गए।
दरअसल, खजुराहो में समाजवादी पार्टी और सूरत में कांग्रेस पार्टी के उम्मीदवार का नामांकन निरस्त हो गया, जबकि इंदौर में कांग्रेस प्रत्याशी ने अपना नामांकन वापस ले लिया। इसके बाद वो भाजपा नेताओं के साथ नजर आए। इन सब सियासी घटनाक्रम को लेकर विपक्ष के नेताओं ने भाजपा सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि, भाजपा लोकतंत्र को खत्म करना चाहती है, जिसके कारण इस तरह के काम कर रही है।
एक सीट पर निर्विरोध हुई है जीत
भाजपा ने सूरत की सीट पर निर्विरोध जीत दर्ज की है। मध्य प्रदेश की खजुराहो सीट पर INDIA गठबंधन की प्रत्याशी मीरा यादव का पर्चा दस्तखत ना होने से खारिज कर दिया गया था। फिर गुजरात के सूरत में कांग्रेस के अधिकृत और डमी, दोनों प्रत्याशी का पर्चा खारिज हो गया था। बाकी बसपा समेत निर्दलीय प्रत्याशियों ने पर्चा वापस से लिया। लिहाजा, बीजेपी के प्रत्याशी निर्विरोध जीत गए। वहीं, मध्य प्रदेश के प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के गृह जिले इंदौर की सीट पर कांग्रेस के प्रत्याशी अक्षय बम ने अपना पर्चा वापस ले लिया। हालांकि, इसके बाद वो भाजपा के नेताओं के साथ नजर आए। कांग्रेस का आरोप है कि, अक्षय बम को धमकाया गया था, जिसके कारण उन्होंने नामांकन वापस लिया है।
जीतू पटवारी ने लगाया था धमकाने का आरोप
मध्य प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष जीतू पटवारी का आरोप है कि बीजेपी ने नामांकन वापस लेने के लिए अक्षय बम को धमकाया था और उसे प्रताड़ित किया था। इसके बाद अक्षय बम ने अपना नामांकन वापस ले लिया। उन्होंने कहा, अक्षय बम के खिलाफ एक पुराने मामले में आईपीसी की धारा 307 (हत्या का प्रयास) जोड़ी गई थी। उसे धमकाया गया। उसे पूरी रात अलग-अलग तरीकों से धमकाया गया, जिसके बाद उसने अपना नामांकन वापस ले लिया।
अरुणाचल विधानसभा चुनाव से पहले ही हुई निर्विरोध जीत
लोकसभा चुनाव ही नहीं विधानसभा चुनाव में भी भाजपा प्रत्याशियों की निर्विरोध जीत हुई है। अरुणाचल प्रदेश की 60 विधानसभा सीटों में से 10 सीटों पर भाजपा को चुनाव से पहले ही जीत मिल गई है। इन 10 सीटों पर भाजपा उम्मीदवारों ने निर्विरोध जीत दर्ज की। इनमें CM पेमा खांडू, डिप्टी सीएम चाउना मेन भी शामिल हैं।