Hub Power : चुनाव आयोग (Election Commission) ने गुरुवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मिले इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) का डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। इलेक्टोरल बॉन्ड का यह डेटा 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक का है, जिसमें चन्दा वाली कंपनियों के साथ-साथ उन राजनीतिक दलों के नाम भी सामने आए हैं, जिन्हें चंदा मिला है। इसी बीच सोशल मीडिया पर चंदा देने वाली एक कंपनी के पाकिस्तानी होने का दावा किया जा रहा है।
Hub Power Company : चुनाव आयोग (Election Commission) ने गुरुवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया से मिले इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bond) का डेटा अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है। इलेक्टोरल बॉन्ड का यह डेटा 12 अप्रैल 2019 से 11 जनवरी 2024 तक का है, जिसमें चन्दा वाली कंपनियों के साथ-साथ उन राजनीतिक दलों के नाम भी सामने आए हैं, जिन्हें चंदा मिला है। इसी बीच सोशल मीडिया पर चंदा देने वाली एक कंपनी के पाकिस्तानी होने का दावा किया जा रहा है।
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक पोस्ट में चुनावी चंदा देने वाली कंपनी के पाकिस्तानी होने का दावा किया गया है। अंग्रेजी में एक वायरल पोस्ट में कहा गया है कि ‘पाकिस्तान की एक कंपनी है हब पॉवर कंपनी, जिसने पुलवामा अटैक के कुछ हफ्ते बाद इलेक्टोरल बॉन्ड से चंदा दिया है।’ यही नहीं एक्स पर पाकिस्तानी कंपनी टेंड कर रहा है। हालांकि, वायरल पोस्ट में कितनी सच्चाई यह भी जानना बेहद जरूरी है। पोस्ट में जिस हब पॉवर कंपनी के पाकिस्तानी होने के दावा किया जा रहा है वह कंपनी शुद्ध रूप से भारतीय है।
दरअसल, रजिस्ट्रेशन में हब पॉवर कंपनी का पता राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के गांधीनगर इलाके का दिया गया है। इस कंपनी की जानकारी जीएसटी के पोर्टल पर भी मौजूद है। ये कंपनी नवंबर, 2018 को पोर्टल पर रजिस्टर्ड हुई है। वहीं, लोगों में असमजस्य की स्थिति इसलिए उत्पन्न हुई, क्योंकि पाकिस्तान में पावर सेक्टर की एक कंपनी है Hub Power Company Limited (HUBCO)। कंपनी का हब प्लांट मौजा कुंड (Mouza Kund, Balochistan) में है। इसके अलावा भी कंपनी के कई प्लांट हैं।