अखिलेश यादव ने कहा कि, किसी भाषा के शब्द को गुलामी का प्रतीक मानकर बदलना ही चाहते हैं तो सबसे पहले भाजपा को अपना नाम बदलना चाहिए। दरअसल, बीते दो दिनों से इंडिया और भारत के नाम को लेकर देशभर में सियासी जंग छिड़ी हुई है। सत्तापक्ष और विपक्ष अपने अपने तरीके से हमले बोल रहे हैं।
लखनऊ। इंडिया और भारत नाम को लेकर चल रहा सियासी विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। विपक्षी पार्टियों की तरफ से लगातार केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा जा रहा है। इस बीच समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इसको लेकर भाजपा सरकार (BJP government) पर हमला बोला है।
साथ ही कहा कि, अगर किसी भाषा के शब्द को गुलामी का प्रतीक मानकर बदलना ही चाहते हैं तो सबसे पहले भाजपा को अपना नाम बदलना चाहिए। दरअसल, बीते दो दिनों से इंडिया और भारत के नाम को लेकर देशभर में सियासी जंग छिड़ी हुई है। सत्तापक्ष और विपक्ष अपने अपने तरीके से हमले बोल रहे हैं।
वैसे तो भाषाओं का मिलन और परस्पर प्रयोग बड़ी सोच के लोगों के बीच मानवता और सौहार्द के विकास का प्रतीक माना जाता है फिर भी अगर संकीर्ण सोचवाली भाजपा और उसके संगी-साथी किसी भाषा के शब्द को गुलामी का प्रतीक मानकर बदलना ही चाहते हैं तब तो सबसे पहले भाजपा को भी अपना एक विशेष सत्र…
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) September 7, 2023
इसी क्रम में गुरुवार को समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने ट्वीट कर भाजपा पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि, ‘वैसे तो भाषाओं का मिलन और परस्पर प्रयोग बड़ी सोच के लोगों के बीच मानवता और सौहार्द के विकास का प्रतीक माना जाता है फिर भी अगर संकीर्ण सोचवाली भाजपा और उसके संगी-साथी किसी भाषा के शब्द को गुलामी का प्रतीक मानकर बदलना ही चाहते हैं तब तो सबसे पहले भाजपा को भी अपना एक विशेष सत्र बुलाना चाहिए और अपने नाम में से अंग्रेज़ी का शब्द ‘पार्टी’ हटाकर स्वदेशी परंपरा का शब्द ‘दल’ लगाकर अपना नाम भाजपा से भाजद कर देना चाहिए’।