उत्तर प्रदेश में मनचाही कंपनियों को ठेका और टेंडर देने के लिए अधिकारी हर नियमों को दरकिनार कर देते हैं। मनचाही कंपनियों को अधिक नंबर देकर ये खेल किया जा रहा, जबकि गुणवत्तापूर्वक काम करने और सरकार को फायदा पहुंचाने वाली कंपनियों को अनदेखा कर दिया जा रहा है। ऐसा नहीं कि, सिर्फ एक विभाग में ये खेल किया जा रहा है। लखनऊ, विकास प्राधिकरण, स्वच्छ भारत मिशन, नगर विकास, परिवहन समेत अन्य विभाग इसमें शामिल हैं।
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में मनचाही कंपनियों को ठेका और टेंडर देने के लिए अधिकारी हर नियमों को दरकिनार कर देते हैं। मनचाही कंपनियों को अधिक नंबर देकर ये खेल किया जा रहा, जबकि गुणवत्तापूर्वक काम करने और सरकार को फायदा पहुंचाने वाली कंपनियों को अनदेखा कर दिया जा रहा है। ऐसा नहीं कि, सिर्फ एक विभाग में ये खेल किया जा रहा है। लखनऊ, विकास प्राधिकरण, स्वच्छ भारत मिशन, नगर विकास, परिवहन समेत अन्य विभाग इसमें शामिल हैं।
ताजा मामला लखनऊ विकास प्राधिकरण का सामने आया है। यहां पर नियमों की अनदेखी और करीबी कंपनी को होटल बनाने का काम दे दिया गया है। सबसे अहम बात ये है कि, इस होटल निर्माण के टेंडर में दो ही कंपनियों ने टेंडर डाला था, जबकि नियम के मुताबिक, तीन कंपनियों का होना जरूरी है। गोमतीनगर के विक्रांत खंड में बनने वाले बजट होटल के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण ने टेंडर जारी किया था, जिसमें RNC इंफ्रा और Continental Developers ने टेंडर डाला था।
इसका टेंडर Continental Developers को हासिल हुआ। हालांकि, इस पर नजर डालें तो पता लगता है कि प्रेज़ेंटेशन में नंबर का खेल करके Continental Developers को ठेका दे दिया गया। सबसे अहम बात ये है कि, RNC इंफ्रा होटल निर्माण के लिए विभाग से 6.90 करोड़ मांग रहा था, जबकि हर साल 1 करोड़ 81 देने की बात कह रहा था। वहीं, Continental Developers विभाग से 9.90 करोड़ मांग रहा था हर साल 1 करोड़ 51 लाख देने की बात कहा था। इसको देखकर साफ पता लगता है कि अधिकारियों ने सरकार के राजस्व को नुकसान पहुंचाने के लिए ये बड़ा खेल किया है।
प्रेज़ेंटेशन में मनचाही कंपनियों को देते हैं ज्यादा नंबर
सूत्रों की माने तो अधिकारी जिस कंपनी को टेंडर और ठेका देना चाहते हैं, उसको सबसे ज्यादा नंबर देते हैं। चाहे वो कंपनी मानक को पूरा कर रही है या नहीं? ऐसे में वो कंपनियां पिछड़ जाती हैं, जो मानकों को पूरा करने के साथ ही सरकार के राजस्व को बढ़ाने में बड़ा योगदान देती हैं। प्रेज़ेंटेशन में कम नंबर मिलने के कारण फाइनेंसियल बीड में कंपनियां पिछड़ जाती है। जैसे कोई कंपनी (L-1) सबसे कम रेट में काम करने को तैयार है लेकिन प्रेज़ेंटेशन में नंबर कम मिलने के कारण वो पिछड़कर (L-2) हो जाती है।
कूड़ा निस्तारण से लेकर भवन निर्माण वाली कंपनियों के टेंडर में खेल
बता दें कि, कूड़ा निस्तारण से लेकर भवन निर्माण, सड़क निर्माण की कंपनियों को टेंडर देने में प्रेज़ेंटेशन के नंबरों का बड़ा खेल किया जाता है। पर्दाफाश न्यूज के पास ऐसी कई कंपनियों की जानकारी हाथ लगी है, जिन कंपनियों को अधिकारियों ने प्रेज़ेंटेशन में ज्यादा नंबर देकर ठेका और टेंडर दिया है। पर्दाफाश न्यूज जल्द ही ऐसी कंपनियों और अधिकारियों की मिलीभगत को उजागर करेगा।