HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. दिल्ली
  3. India : First Intranasal Vaccine के फेज-2 ट्रायल को मिली मंजूरी, जानें कौन कर रहा है विकसित ?

India : First Intranasal Vaccine के फेज-2 ट्रायल को मिली मंजूरी, जानें कौन कर रहा है विकसित ?

भारत (India) की पहली इंट्रानेजल वैक्सीन (First Intranasal Vaccine) कोविड-19 वैक्सीन (covid-19 vaccine) को दवा नियामकों ने दूसरे चरण के इंसानी परीक्षण की अनुमति प्रदान कर दी है। कोविड-19 वैक्सीन यानी BBV154 को भारत बायोटेक(Bharat Biotech), सेंट लुइस की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी (Washington University of St. Louis) के साथ मिलकर विकसित कर रहा है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। भारत (India) की पहली इंट्रानेजल वैक्सीन (First Intranasal Vaccine) कोविड-19 वैक्सीन (covid-19 vaccine) को दवा नियामकों ने दूसरे चरण के इंसानी परीक्षण की अनुमति प्रदान कर दी है। कोविड-19 वैक्सीन यानी BBV154 को भारत बायोटेक(Bharat Biotech), सेंट लुइस की वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी (Washington University of St. Louis) के साथ मिलकर विकसित कर रहा है।

पढ़ें :- मुख्यमंत्री की शपथ लेने के बाद आतिशी ने बताईं सरकार की प्राथमिकता, कहा-सफल नहीं होने देंगे बीजेपी का षड्यंत्र

केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय (Union Ministry of Science and Technology) ने बताया कि इंट्रानेजल रेप्लीकेशन- डेफिशियेंट चिंपाजी एडिनोवायरस सार्स-कोवि 2 वैक्टर वैक्सीन न केवल भारत में नियामकों की अनुमति हासिल करने वाली पहली वैक्सीन बन गई है, बल्कि यह अपनी तरह की पहली वैक्सीन है। जो भारत में इंसानी परीक्षण से गुजरेगी।

मंत्रालय ने कहा कि भारत बायोटेक (Bharat Biotech) को BBV152 की प्रतिरक्षा यानी यह कितनी कारगर है और सुरक्षित है। इसका मूल्यांकन करने के लिए SARS-CoV-2 वैक्सीन के हीट्रोलोगस (एक अलग लेकिन संबंधित प्रजाति के जीव से लिया गया) प्राइम बूस्ट के संयोजन यानी क़ॉम्बीनेशन का बहु केंद्रित क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति दी गई है।

परीक्षण में नहीं दिखा कोई गंभीर मामला

भारत बायोटेक (Bharat Biotech) ने हाल ही में 18-60 उम्र के स्वस्थ स्वयंसेवियों पर चिंपाजी एडिनोवायरस वैक्सीन का फेज-1 का परीक्षण पूरा किया है। मंत्रालय ने बताया कि फेज-1 के परीक्षण में स्वयंसेवियों को जो डोज दी गयी थी। वह उन्होंने अच्छे से सहन कर ली थी। किसी तरह का कोई गंभीर मामला सामने नहीं आया था। इससे पहले पूर्व क्लीनिकल विषाक्तता अध्ययन यानी वैक्सीन के प्रयोगशाला में किए गए अध्ययन में इसे सुरक्षित, इम्युनोजेनिक और सहन करने योग्य पाया गया था। जानवरों पर किए गए अध्ययन में पाया गया कि यह वैक्सीन उच्च स्तर की न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबॉडीज (Neutralizing Antibodies) हासिल करने में सक्षम है।

पढ़ें :- आपका एक वोट जम्मू-कश्मीर के युवाओं का हौंसला बुलंद करने वाला और महिलाओं के अधिकार की रक्षा करने वाला है: अमित शाह

जानें किस-किस ने दिया सहयोग?

मंत्रालय ने कहा कि इंट्रानेजल वैक्सीन बायोटेक्नोलॉजी विभाग (DBT) और बायोटेक्नोलॉजी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद के सहयोग से विकसित की गई है। DBT सचिव और BIRAC प्रमुख डॉ. रेणु स्वरूप ने बताया कि भारत बायोटेक (Bharat Biotech)  की BBV154 भारत में विकसित की जा रही पहली इंट्रानेजल वैक्सीन (First Intranasal Vaccine)  है जो अपने क्लीनिकल ट्रायल के आखिरी चरण में प्रवेश करने की स्थिति में है।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...