नई दिल्ली। ट्रैक्टर रैली के दौरान आराजकतत्वों ने पहले ही हिंसा फैलाने की साजिश रच दी थी। दिल्ली पुलिस ने पहले ही इसकी संभावना जताई थी। इसके बाद भी उपद्रवी लाल किले तक पहुंच गए और अपना झंडा लहरा दिए। इसके बाद विपक्ष खुफिया एजेंसी और दिल्ली पुलिस की लापरवाही को उजागर होने की बात कह रही है। विपक्ष गृहमंत्री अमित शाह पर भी कई सवाल उठा रहा है।
वहीं सूत्रों के अनुसार, जनवरी के पहले हफ्ते में विशेष खुफिया निदेशक ब्यूरो की अध्यक्षता में हुई उच्च-स्तरीय समन्वय बैठक में लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने के लिए प्रतिबंधित संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) के इरादों की जानकारी दी गई थी और सभी हितधारकों के साथ इसका जवाब देने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा की गई थी।
बताया जा रहा है कि, इस बैठक में, दिल्ली पुलिस के साथ ही खुफिया विभाग के कई अधिकारी मौजूद थे। सूत्रों की माने तो 26 जनवरी को दोपहर 12 बजे के आसपास एजेंसियों को यह भी इनपुट मिला कि ट्रैक्टर रैली निकाल रहे किसान पीएम आवास, गृह मंत्री आवास, राजपथ, इंडिया गेट और लाल किले की तरफ भी बढ़ सकते हैं। यह मेसेज दिल्ली की सुरक्षा में लगे सभी पुलिस अधिकारियों को मिला था।
पुलिस कमिशनर एसएन श्रीवास्तव ने बताया कि ट्रैक्टर रैली के दौरान भड़की हिंसा को लेकर दिल्ली पुलिस ने अभी तक इस मामले में 19 लोगों को गिरफ्तार किया है और 25 आपराधिक मामले दर्ज किए हैं। प्रदर्शनकारियों बैरिकेड तोड़कर दिल्ली में घुसे और कई इलाकों में हिंसा हुई।