भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने बुधवार सुबह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण यान जीएसएलवी-एफ15 के जरिए अपना 100वां मिशन, एनवीएस-02 नेविगेशन सैटेलाइट लॉन्च किया है। दरअसल, जीएसएलवी-एफ15 रॉकेट ने सुबह 6:23 बजे उड़ान भरी, जिसमें एनवीएस-02 नेविगेशन सैटेलाइट अंतरिक्ष में पहुंचाया गया।
श्रीहरिकोटा: भारत की अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने बुधवार सुबह आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से प्रक्षेपण यान जीएसएलवी-एफ15 के जरिए अपना 100वां मिशन, एनवीएस-02 नेविगेशन सैटेलाइट लॉन्च किया है। दरअसल, जीएसएलवी-एफ15 रॉकेट ने सुबह 6:23 बजे उड़ान भरी, जिसमें एनवीएस-02 नेविगेशन सैटेलाइट अंतरिक्ष में पहुंचाया गया। यह लॉन्च इसरो की एक बड़ी उपलब्धि है, जो देश की अंतरिक्ष अनुसंधान क्षमताओं को दर्शाती है।
🌍 A view like no other! Watch onboard footage from GSLV-F15 during the launch of NVS-02.
India’s space programme continues to inspire! 🚀 #GSLV #NAVIC #ISRO pic.twitter.com/KrrO3xiH1s
— ISRO (@isro) January 29, 2025
इसरो ने इस महत्वपूर्ण लॉन्च के बारे में एक्स के जरिए जानकारी दी। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, “जीएसएलवी-एफ15 ने सफलतापूर्वक उड़ान भरी है, एनवीएस-02 को उसकी निर्धारित कक्षा में ले गया है। इसरो ने एक अन्य पोस्ट में लिखा, “मिशन सफल! जीएसएलवी-एफ15/ एनवीएस-02 मिशन सफलतापूर्वक पूर्ण हो गया है। भारत अंतरिक्ष नेविगेशन में नई ऊंचाइयों पर पहुंच गया है।
📸 Relive the moment! Here are stunning visuals from the GSLV-F15/NVS-02 launch.
A proud milestone for India’s space journey! 🌌 #GSLV #NAVIC #ISRO pic.twitter.com/RK4hXuBZNN
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इसरो चेयरमैन वी. नारायणन ने कहा कि आज हमने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की है। इस महीने की 16 तारीख को हमने डॉकिंग सिस्टम की उपलब्धि हासिल की थी। इसरो की 100वीं लॉन्चिंग, टीम इसरो की कड़ी मेहनत और टीम वर्क से सफलतापूर्वक हासिल की गई है। इस साल हमें कई प्रोजेक्ट्स के लिए मंजूरी मिली है। संभवतः चंद्रयान 3, 4 और कई अन्य मंजूरियां मिल चुकी हैं। इस साल कई मिशन की तैयारी है। मेरी प्राथमिकता नई मंजूरी वाली परियोजनाओं को गति देना है। जो भी प्रोजेक्ट में देरी हो रही है, मैं उन्हें पूरा करूंगा।
जीएसएलवी-एफ15, जीएसएलवी रॉकेट की 17वीं उड़ान है. यह स्वदेशी क्रायोजेनिक चरण वाली 11वीं उड़ान भी है। एनवीएस-02 उपग्रह भारतीय नेविगेशन प्रणाली का हिस्सा है। यह दूसरी पीढ़ी का उपग्रह है, जो नेविगेशन के लिए काम करेगा। नेविगेशन उपग्रह प्रणाली को भारत में उपयोगकर्ताओं और भारतीय भूमि से लगभग 1500 किमी दूर तक सटीक स्थिति, वेग और समय सेवा देने के लिए डिजाइन किया गया है। नया एनवीएस-02 उपग्रह एल1 फ्रीक्वेंसी बैंड को सपोर्ट करता है। इससे इसकी सेवाओं और विश्वसनीयता में सुधार होगा।
इससे पहले इसरो ने कहा था कि एनवीएस-02 उपग्रह एनएवीएलसी उपग्रहों की दूसरी पीढ़ी है। इसका वजन 2,250 किलोग्राम है और यह लगभग 3 किलोवाट की पावर संभाल सकता है। इसमें एल1, एल5 और एस बैंड में नेविगेशन पेलोड, और सी-बैंड पेलोड होगा। एनएवीआईसी दो प्रकार की सेवाएं देगा: मानक पोजिशनिंग सेवा और प्रतिबंधित सेवा। एनएवीआईसी की एसपीएस सेवा 20 मीटर से बेहतर स्थिति सटीकता और 40 नैनोसेकंड से बेहतर समय सटीकता प्रदान करेगी।