HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Divine Aarti of Maa Durga: जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी, पढ़ें मां दुर्गा की दिव्य आरती

Divine Aarti of Maa Durga: जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी, पढ़ें मां दुर्गा की दिव्य आरती

7 अक्टूबर से नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो चुका है। इस खास मौके पर देश के कोने-कोने में नवरात्रि की धूम देखने को मिल रही है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Divine Aarti of Maa Durga: 7 अक्टूबर से नवरात्रि का पावन पर्व शुरू हो चुका है। इस खास मौके पर देश के कोने-कोने में नवरात्रि की धूम देखने को मिल रही है। नवरात्र के ये पूरे नौ दिन माता रानी के भक्तों के लिए बेहद ही अहम होता है। सभी भक्त इन दिनों मां दुर्गा के भक्ति के रंग में सराबोर रहते हैं। वहीं देशभर में मां भगवती के लिए भव्य पंडाल सजाया गया है। दुर्गा की अनोखी मूर्तियां भी देखने को मिल रही है। मां अंबे के मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की जा रही है। शारदीय नवरात्रि पर्व में मां अम्बे की आराधना की जाती है। यहां पढ़ें मां दुर्गा की आरती।

पढ़ें :- Kharmas 2025 : खरमास खत्म होने से फिर शुरू होंगे मांगलिक कार्य, ये हैं जनवरी की शुभ तिथियां

जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी ।
मैया जय मंगल मूर्ति, मैया जय आनंदकरणी
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिव री ॥टेक॥

मांग सिंदूर बिराजत टीको मृगमद को ।
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रबदन नीको ॥जय॥

कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै ॥जय॥

केहरि वाहन राजत खड्ग खप्परधारी ।
सुर-नर मुनिजन सेवत तिनके दुःखहारी ॥जय॥

पढ़ें :- Makar Sankranti 2025 : मकर संक्रांति के दिन करें ये उपाय , सूर्य देव की कृपा बरसेगी

कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती ।
कोटिक चंद्र दिवाकर राजत समज्योति ॥जय॥

चंड मुंड संहारे शोणित बीज हरे,।
मधुकैटभ दोउ मारे, सुर भयहीन करे॥जय॥

शुम्भ निशुम्भ बिडारे महिषासुर घाती ।
धूम्र विलोचन नैना निशिदिन मदमाती ॥जय॥

चौंसठ योगिनि मंगल गावैं नृत्य करत भैरू।
बाजत ताल मृदंगा अरू बाजत डमरू ॥जय॥

ब्रह्माणी रुद्राणी तुम कमला रानी
आगम निगम बखानी,तुम शिव पटरानी॥जय॥

पढ़ें :- Pongal 2025 : पोंगल में दिन रंगोली बनाई जाती है और मवेशियों का पूजन किया जाता है,  जानें कब मनाया जाएगा

भुजा चार अति शोभित खड्ग खप्परधारी।
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी ॥जय॥

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योति ॥जय॥

श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥

कंचन थाल विराजत अगर कपूर बाती ।
श्री मालकेतु में राजत,कोटि रतनज्योति ॥जय॥

श्री अम्बेजी की आरती जो कोई नर गावै । कहत शिवानंद स्वामी सुख-सम्पत्ति पावै ॥जय॥

पढ़ें :- आज का राशिफल 11 जनवरी 2025: इस राशि के लोगो के लिए आज सचेत रहने का दिन, कहीं आवेश में न बिगाड़ लें बने हुए काम
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...