कश्मीर में बीते कुछ दिनों से आतंकी कश्मीरी पंडित और गैर कश्मीरी को निशाना बना रहे हैं। इन वारदातों के बाद कश्मीरी पंड़ितों और वहां के हिंदुओं में खौफ बैठ गया है। इस साल अब तक 16 लोगों को आतंकियों ने टारगेट किलिंग की है। कई सरकारी कर्मचारियों को उनके कार्यालय में घुसरक आतंकियों ने गोली मारी है। इसको देखते हुए वहां से बड़ी संख्या में कश्मीरी पंड़ित और हिंदू परिवार पलायन की तैयारी शुरू कर दिए हैं।
Jammu and Kashmir: कश्मीर में बीते कुछ दिनों से आतंकी कश्मीरी पंडित और गैर कश्मीरी को निशाना बना रहे हैं। इन वारदातों के बाद कश्मीरी पंड़ितों और वहां के हिंदुओं में खौफ बैठ गया है। इस साल अब तक 16 लोगों को आतंकियों ने टारगेट किलिंग की है। कई सरकारी कर्मचारियों को उनके कार्यालय में घुसरक आतंकियों ने गोली मारी है। इसको देखते हुए वहां से बड़ी संख्या में कश्मीरी पंड़ित और हिंदू परिवार पलायन की तैयारी शुरू कर दिए हैं।
यही नहीं प्रवासी मजदूर और बड़ी संख्या में ट्रांजिट कैंपों में रह रहे कश्मीरी पंडित भी घाटी छोड़ रहे हैं। कश्मीर के बिगड़ते हालत को लेकर वहां के लोगों ने कहा कि स्थिति 1990 से भी खराब हो चुकी है। ऐसे में यहां रुकना खतरे से खाली नहीं है। पीएम रिलीफ पैकेज के तहत काम करने वाले सरकारी कर्मचारी अपने सामान को भरकर किसी तरह जम्मू और अन्य सुरक्षित स्थानों पर पहुंच रहे हैं।
बता दें कि, गुरुवार को आतंकियों ने दक्षिण कश्मीर के कुलगाम जिले में इलाकाई ग्रामीण बैंक के मैनेजर की गोली मारकर हत्या कर दी थी। इससे पहले भी एक शिक्षिका को आतंकियों ने गोली मारी थी। लगातार वहां हो रही घटनाओं को लेकर लोगों में दहशत बैठ गया है।
इस बीच नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता तनवीर सादिक ने कश्मीरी पंडितों में खौफ को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि उनका एक बार फिर से पलायन करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कश्मीर पंड़ितों का घर है और हम सभी की यह जिम्मेदारी है कि उन्हें सुरक्षित महसूस कराएं।
गृहमंत्री करेंगे उच्चस्तरीय बैठक
बता दें कि, जम्मू कश्मीर में लगातार हो रही घटनाओं को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने आज एक उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है। इसमें जम्मू- कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और केंद्र शासित प्रदेश के अधिकारी शामिल होंगे। जम्मू कश्मीर के हालात को लेकर पिछले 15 दिनों के अंदर ये दूसरी बैठक होने जा रही है। इसमें हो रही हत्याएं से लेकर जून के अंत में शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा व्यवस्था पर चर्चा होगी।