: भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जोगिंदर शर्मा ने शुक्रवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की है। जोगिंदर शर्मा ने 2007 के टी20 मैच में शानदार भूमिका निभाई थी। साथ ही वो टीम इंडिया के पूर्व कप्तान जोगिंदर शर्मा के पंसदीदा खिलाड़ी भी थे। 39 साल के जोगिंदर पिछले काफी समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहे हैं।
Joginder Sharma Retirement: भारतीय टीम के तेज गेंदबाज जोगिंदर शर्मा ने शुक्रवार को क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास लेने की घोषणा की है। जोगिंदर शर्मा ने 2007 के टी20 मैच में शानदार भूमिका निभाई थी। साथ ही वो टीम इंडिया के पूर्व कप्तान जोगिंदर शर्मा के पंसदीदा खिलाड़ी भी थे। 39 साल के जोगिंदर पिछले काफी समय से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर रहे हैं।
आखिरी अंतरराष्ट्रीय मैच इन्होंने 2007 में खेला था। तब टी20 विश्व कप में जोगिंदर कप्तान महेंद्र सिंह धोनी के मुख्य हथियारों में से एक रहे थे। जोगिंदर ने बीसीसीआई सचिव जय शाह को चिट्ठी लिखकर संन्यास की घोषणा की। जोगिंदर शर्मा ने अपनी चिट्ठी लिखकर हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन, चेन्नई सुपर किंग्स और हरियाणा सरकार का शुक्रिया अदा किया है।
Announced retirement from cricket Thanks to each and everyone for your love and support 🙏❤️👍👍 pic.twitter.com/A2G9JJd515
— Joginder Sharma 🇮🇳 (@MJoginderSharma) February 3, 2023
साथ ही उन्होंने अपने दोस्त, परिवार समेत अन्य लोगों को धन्यवाद बोला है। जोगिंदर ने कहा कि वह अब क्रिकेट की दुनिया में अन्य विकल्प तलाशेंगे। उन्होंने वह जीवन के नए चैप्टर की शुरुआत करने के लिए तैयार हैं। जोगिंदर ने कहा- मैं अपने सभी साथी और भारतीय क्रिकेट को भविष्य के लिए शुभकामनाएं देना चाहता हूं।
2004 में किया था वनडे डेब्यू
बता दें कि, जोगिंदर शर्मा को टी20 विश्व कप 2007 से पहले बहुत कम लोग ही जानते थे लेकिन उन्होंने 2004 में उन्होंने वनडे डेब्यू किया था। उन्होंने अपना आखिरी वनडे 24 जनवरी 2007 को वेस्टइंडीज के खिलाफ बाराबाती स्टेडियम में खेला।
इंग्लैंड के खिलाफ किया टी20 डेब्यू
जोगिंदर ने टी20 डेब्यू जोगिंदर ने 19 सितंबर 2007 को इंग्लैंड के खिलाफ किंग्समीड में किया था। वहीं, भारत के लिए आखिरी टी20 उन्होंने 24 सितंबर 2007 को पाकिस्तान के खिलाफ वांडरर्स स्टेडियम में खेला था। यह टी20 विश्व कप का फाइनल मैच था। फाइनल में भारत को आखिरी ओवर में 13 रन बचाने थे, जबकि सामने मिस्बाह उल हक थे। कप्तान धोनी ने हरभजन सिंह पर जोगिंदर शर्मा को तरजीह दी थी और यह मास्टर-स्ट्रोक साबित हुआ था।