शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ माह में आने वाली अमावस्या को अधिक महत्वपूर्ण व फलदायी माना गया है। क्योंकि ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन शनि जयंती और वट सावित्री व्रत रखा जाता है।
Jyeshtha Amavasya 2024: शास्त्रों के अनुसार, ज्येष्ठ माह में आने वाली अमावस्या को अधिक महत्वपूर्ण व फलदायी माना गया है। क्योंकि ज्येष्ठ माह की अमावस्या के दिन शनि जयंती और वट सावित्री व्रत रखा जाता है। हिन्दू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार ज्येष्ठ अमावस्या तिथि पर शनिदेव का अवतरण हुआ था। शनिदेव के पिता सूर्य देव एवं माता छाया हैं। धार्मिक मान्यता है कि शनिदेव की पूजा करने से साधक को शनि दोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही आय और सौभाग्य में भी वृद्धि होती है
ऐसे में ज्येष्ठ अमावस्या का दिन माता पार्वती, भगवान शिव और शनि देव को समर्पित होता है। इसके अलावा ज्येष्ठ अमावस्या के दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पितरों का तर्पण करने से कुंडली में मौजूद पितृ दोष का प्रभाव कम होता है और पितरों की आत्मा को भी शांति मिलती है। आइए जानते हैं इस साल कब है ज्येष्ठ माह की अमावस्या?
हिंदू पंचांग के अनुसार, ज्येष्ठ अमावस्या की शुरुआत 5 जून 2024 रात्रि 07 बजकर 54 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन 6 जून 2024 शाम 06 बजकर 07 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए ज्येष्ठ अमावस्या 6 जून, 2024 को मनाई जाएगी।