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Kailash Nath Sonkar jeevan parichay : कैलाश नाथ सोनकर सुभासपा के टिकट पर पहली बार चुने गए विधायक

Kailash Nath Sonkar jeevan parichay : यूपी के चंदौली जिले की निर्वाचन क्षेत्र - 385, अजगरा विधानसभा क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के टिकट पर उत्तर प्रदेश की 17 वीं विधानसभा (17th Legislative Assembly of Uttar Pradesh) में पहली बार विधायक कैलाश नाथ सोनकर चुने गए हैं।

By संतोष सिंह 
Updated Date

Kailash Nath Sonkar jeevan parichay : यूपी के चंदौली जिले की निर्वाचन क्षेत्र – 385, अजगरा विधानसभा क्षेत्र से सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) के टिकट पर उत्तर प्रदेश की 17 वीं विधानसभा (17th Legislative Assembly of Uttar Pradesh) में पहली बार विधायक कैलाश नाथ सोनकर चुने गए हैं। बता दें कि अजगरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र वर्ष 2008 के “संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों के आदेश के परिसीमन” के बाद अस्तित्व में आई है। कैलाश नाथ सोनकर इसी अजगरा क्षेत्र की 17वीं विधान सभा के सदस्य हैं। वर्ष 2017 में कैलाश नाथ सोनकर ने सुभसपा (SBSP)  पार्टी के अंतर्गत ही अजगरा विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र से चुनावों में उतरकर सपा के लालजी सोनकर को लगभग 21,000 वोटों से मात दी।

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जीवन परिचय व प्रारंभिक शिक्षा

मूलतः वाराणसी जिले के निवासी कैलाश नाथ सोनकर का जन्म 10 जून, 1963 को हुआ था। उन्होंने वाराणसी स्थित हरहुआ गांव के केके इंटर कॉलेज से वर्ष 1984 में इंटरमीडिएट किया है। कैलाश नाथ सोनकर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) से जुड़े हुए हैं, जो मुख्यतः उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल में एक क्षेत्रीय पार्टी है।

ये है पूरा सफरनामा

नाम- कैलाश नाथ सोनकर
निर्वाचन क्षेत्र – 385, अजगरा ,चंदौली
दल – सुलेहदेव भारतीय समाज पार्टी
पिता का नाम – स्व0 केदार नाथ
जन्‍म तिथि – 10 जून, 1963
जन्‍म स्थान – वाराणसी
धर्म – हिन्दू
जाति – अनुसूचित जाति (खटिक)
शिक्षा – इण्टरमीडिएट
विवाह तिथि – 26 नवम्बर, 1987
पत्‍नी का नाम – बबीता सोनकर
सन्तान – एक पुत्र, तीन पुत्रियॉ
व्‍यवसाय – व्यापार
मुख्यावास – एस 2/624-1-ए0, सिकरौल, जनपद- वाराणसी।

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सोनकर पर लगा था 600 करोड़ रुपए के घपले का आरोप

अजगरा सीट से विधायक कैलाश सोनकर (Kailash Nath Sonkar) पर इलाके के ग्रामीणों ने संगीन आरोप लगाए हैं। पीडितों के मुताबिक कैलाश सोनकर ने खादी और ग्रामोद्योग आयोग (Khadi and Village Industries Commission) के अधिकारियों के साथ मिलकर 600 करोड़ रुपए के घोटाले को अंजाम दिया। आरोप है कि विधायक बनने से पहले से ही कैलाश सोनकर इस कार्य को अंजाम देते आ रहे हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार कैलाश सोनकर अपने गुर्गों की मदद से इलाके के गरीब और खासतौर से अनपढ़ कारोबारियों को अपने झांसे में लेते थे। वे गरीबों को खादी ग्रामोद्योग से कारोबार के नाम पर लोन दिलाने का सब्जबाग दिखाते थे। लोगों को समझाते कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (Prime Minister’s Employment Generation Program) के तहत आपको सब्सिडी (subsidy) भी मिलेगी।

भांजी अपराजिता सोनकर पर भी लग चुके हैं आरोप

आरोपों के घेरे में सिर्फ कैलाश सोनकर (Kailash Nath Sonkar) ही नहीं है बल्कि तत्कालीन  जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर के पिता ज्ञानचंद्र सोनकर भी हैं। पीडि़तों के मुताबिक इस रैकेट के मास्टरमाइंड अपराजिता सोनकर के पिता ज्ञानचंद्र हैं। ज्ञानचंद्र के कहने पर ही वे लोग कैलाशनाथ सोनकर के बहकावे में आए थे।  कैलाश सोनकर के अलावा अपराजिता सोनकर भी भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरी । सपा से बीजेपी (BJP)का दामन थामने वाली तत्कालीन जिला पंचायत अध्यक्ष अपराजिता सोनकर के खिलाफ आरोप है कि उनके कार्यकाल में हुए विकास कार्यों में भारी अनियमितता बरती गई है। अपराजिता सोनकर (Aparajita Sonkar) और अपर मुख्य अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से तीन दिनों के अंदर ही 4 करोड़ 30 लाख रुपए अवमुक्त कर दिए गए जो नियमों के खिलाफ है।

आरोप है कि वित्तीय वर्ष 2017-18 (FY 2017-18) में चार करोड़ 38 लाख रुपए कागजों पर ही खर्च कर दिए गए। ज्यादातर कार्यों की न तो कार्ययोजना बनाई गई और न ही कोई टेंडर निकाला गया। कहा जा रहा है कि इस दौरान बनाई गई कई सडक़ें और नालियां ऐसी हैं जिनका अस्तित्व ही नहीं है। कुछ सडक़ें ऐसी हैं, जो पूर्व में किसी दूसरी योजना के तहत बन चुकी थीं या उनकी मरम्मत कराई जा चुकी थी।

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विधायक ने आरोपों को बताया था बेबुनियाद

दूसरी ओर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (Suheldev Bharatiya Samaj Party) ने इस पूरे प्रकरण को साजिश बताया है। कैलाश सोनकर ने कहा कि पूरे मामले की सीबीआई जांच हो जानी चाहिए ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो जाए। आरोपी विधायक सोनकर के अनुसार मेरे ऊपर लगे सभी आरोप बेबुनियाद है। मेरे खिलाफ आरोप राजनीति से प्रेरित हैं। बिना सिर पैर के आरोप लगाना सरासर गलत है।

राजनीतिक योगदान

मार्च, 2017 सत्रहवीं विधान सभा के सदस्य प्रथम बार निर्वाचित

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