यूपी के कानपुर नगर जिले में बीते शुक्रवार को हुई हिंसा में पुलिस अब तक कुल 50 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके साथ पुलिस ने इस उपद्रव में कथित रूप से शामिल लोगों की तस्वीरों के होर्डिंग्स में शहर में विभिन्न जगहों पर लगाए हैं। हालांकि पुलिस की इस कार्रवाई पर अब सवाल भी उठने लगे हैं। कानपुर के शहर काज़ी कुद्दूस ने कानपुर पुलिस पर मुसलमानों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है।
कानपुर। यूपी के कानपुर नगर जिले में बीते शुक्रवार को हुई हिंसा में पुलिस अब तक कुल 50 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इसके साथ पुलिस ने इस उपद्रव में कथित रूप से शामिल लोगों की तस्वीरों के होर्डिंग्स में शहर में विभिन्न जगहों पर लगाए हैं। हालांकि पुलिस की इस कार्रवाई पर अब सवाल भी उठने लगे हैं। कानपुर के शहर काज़ी कुद्दूस (City Qazi Maulana Abdul Quddus Qadi) ने कानपुर पुलिस पर मुसलमानों के खिलाफ एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया है।
कानपुर के शहर काजी मौलाना अब्दुल कुद्दूस कादी (City Qazi Maulana Abdul Quddus Qadi) ने कहा कि पुलिस की ओर से एकतरफा कार्रवाई हो रही है। उन्होंने कहा कि 90-95 फीसदी मुसलमानों की गिरफ्तारियां हो रही हैं तो 2-4 फीसदी हिन्दुओं की हो रही है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि कानपुर में हुए उपद्रव में सिर्फ मुस्लिम ही मुजरिम नहीं।
हाजी कुद्दूस (Hazi Kuddus) इस मामले में दूसरे पक्ष पर हिंसा की शुरुआत करने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुसलमानों ने गलती की, उन्हें जुलूस निकाल नहीं जाना चाहिए था, लेकिन उनके ऊपर वहां की इमारतों से पथराव होने लगा। वह कहते हैं इसके वीडियो भी लोगों के पास मौजूद हैं।
उन्होंने कहा कि इस मामले में गलतियां को दोनों ओर से बराबर से हुई हैं। इसमें कोई दो राय नहीं, लेकिन इसी तरीके से गिरफ्तारी भी बराबर तरीके से होनी चाहिए। इस मसले को लेकर शहर में बहुत ही ज्यादा तनाव का माहौल है। पुलिस बेगुनाहों को गिरफ्तार कर रही, लोग इससे परेशान हैं।
उन्होंने कहा कि यह बड़ा मामला नहीं था, एनआरसी मामले से भी ज्यादा भी गिरफ्तारी हो रही है। हम पुलिस कमिश्नर से मुलाकात करेंगे कि ये गिरफ्तारियां रोकी जाएं। वहीं उपद्रवियों की संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने की चेतावनी को लेकर सवाल पर शहर काज़ी ने कहा कि इस मामले में अगर इस तरह के कदम अगर उठाए गए तो सर पर कफन बांध पर लोग उतर भी आएंगे मैदान में… ज्यादा दिन इंतेजार नहीं कर पाएंगे हम। ज्यादती की इम्तेहां, सब्र की इम्तेहां हो रही है। अगर यही होना है तो फिर हमें भी हक है कि मरने के लिए निकल पड़ेंगे। हम सर पर कफन बांध कर निकल पड़ेंगे।