जन्म पत्रिका में केतु ग्रह बहुत महत्व रखता है। इसे छाया ग्रह भी कहते है। 12 अप्रैल 2022 में केतु ने तुला राशि में प्रवेश किया था। इस राशि में ये ग्रह 30 अक्टूबर 2023 तक विराजमान रहेगा।
Ketu Grah Shanti Upay : जन्म पत्रिका में केतु ग्रह बहुत महत्व रखता है। इसे छाया ग्रह भी कहते है। 12 अप्रैल 2022 में केतु ने तुला राशि में प्रवेश किया था। इस राशि में ये ग्रह 30 अक्टूबर 2023 तक विराजमान रहेगा। ज्योतिष में केतु को मायावी ग्रह भी कहा जाता है। लोग इसका नाम सुनते ही ड़र जाते है। ज्योतिष शास्त्र में केतु को आध्यात्म, वैराग्य, मोक्ष तथा तांत्रिक विद्या कारक माना गया है। लहसुनिया केतु का रत्न है। इसके कई नाम हैं जैसे- वैदुर्य, विद्रालक्ष, लहसुनिया, कैटस आई आदि। यह वृषभ, तुला, मकर, मिथुन व कुम्भ राशि वालों के लिए विशेष लाभकारी सिद्ध होता है। लेकिन इसे धारण करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श जरूर करना चाहिए।
केतु का मंत्र
ओम स्रां स्रीं स्रौं सः केतवे नमः
मछलियों एवं चीटियों को आटा खिलाएं
केतु के बुरे प्रभाव से बचने के लिए केतु के वैदिक एवं तांत्रिक मंत्र का जाप करें। भगवान गणेश के नित्य दर्शन करें। गणेश द्वादश नाम स्तोत्र का पाठ करने से केतु शांत होता है। मंदिर के बाहर बैठे हुए भिखारियों को यथाशक्ति दान दें तथा मछलियों एवं चीटियों को आटा खिलाएं। केतु शांति के लिए दो रंग का कंबल किसी गरीब को दान करें।