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KGMU के जूनियर डॉक्टर धरने पर, इलाज को तरसे मरीज

नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET 2021) की काउंसलिंग न होने से खफा किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार सुबह धरने पर बैठ गए। इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर ओपीडी व वार्ड में कामकाज बन्द कर दिया। संस्थान के मुख्य गेट पर धरना दे रहे डॉक्टरों का कहना है कि जब तक काउंसलिंग की तारीख नही तय हो जाती है। तब तक यह धरना जारी रहेगा।

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET 2021) की काउंसलिंग न होने से खफा किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (KGMU) के रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार सुबह धरने पर बैठ गए। इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर ओपीडी (OPD) व वार्ड में कामकाज बन्द कर दिया। संस्थान के मुख्य गेट पर धरना दे रहे डॉक्टरों का कहना है कि जब तक काउंसलिंग की तारीख नही तय हो जाती है। तब तक यह धरना जारी रहेगा।

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बता दें कि सोमवार की सुबह से ही ओपीडी (OPD) और वार्डों में जूनियर डॉक्टर नदारद रहे। इससे नए एवं पुराने मरीजों की स्क्रीनिंग करने वाला कोई नहीं था। जिसकी वजह से मरीजों को दिखाने में काफी वक्त लग रहा है। बता दें कि वार्डों में मरीजों की सुनने वाला कोई नही। वार्डों में सिर्फ नर्स के भरोसे मरीज रहे। सीनियर डॉक्टरों के सुबह देखकर चले जाने के बाद इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं पहुंचा। मरीजों के तीमारदार डॉक्टर से सलाह लेने के लिए भटके रहे। कियो ने ओपीडी में जाकर डॉक्टरों से सलाह ली। केजीएमयू (KGMU)  में करीब 250 जूनियर रेजिडेंट हैं।

डॉ. अनिकेत रस्तोगी व डॉ. सिद्धार्थ ने कहा कि हम लोगों का मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न किया जा रहा है। 20-20 घण्टे काम कराया जा रहा है। कोविड के चलते 20 माह से लगातार कार्य कर रहे हैं। छुट्टी नहीं मिल पा रही है। नीट की जल्द काउंसलिंग कराकर नए डॉक्टर आएं। तब जाकर हमें राहत मिलेगी।

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