इन दिनों सिनेमाघरों में साउथ फिल्मों का जलवा बरकरार है। मेकर्स लोगों के एंटरटेनमेंट के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसी बीच कन्नड़ स्टार किच्चा सुदीप (Kichcha Sudeep) हिंदी को लेकर विवाद (Kichcha Sudeep Hindi Controversy) बयान दे दिया था, जिसके बाद बहस शुरू हो गई।
नई दिल्ली: इन दिनों सिनेमाघरों में साउथ फिल्मों का जलवा बरकरार है। मेकर्स लोगों के एंटरटेनमेंट के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसी बीच कन्नड़ स्टार किच्चा सुदीप (Kichcha Sudeep) हिंदी को लेकर विवाद (Kichcha Sudeep Hindi Controversy) बयान दे दिया था, जिसके बाद बहस शुरू हो गई।
आपको बता दें, एक्टर ने कहा था कि हिंदी राष्ट्रभाषा नहीं है। अब इसी मामले को लेकर करीब एक महीने के बाद इस पर सफाई दी है और कहा कि उनका मतलब विवाद खड़ा करना नहीं था। हिंदी के वर्चस्व को लेकर अजय देवगन और किच्चा सुदीप (Kichcha Sudeep) के बीच सोशल मीडिया पर काफी विवाद भी हुआ था।
हाल ही में दिए इंटरव्यू में किच्चा सुदीप (Kichcha Sudeep) ने मामलो के लेकर बात की और कहा कि ‘उनका कहना का मतलब दंगा या विवाद शुरू करना नहीं था, उन्होंने बिना किसी एजेंडे के अपनी बात कही थी।’ एक्टर ने पीएम मोदी (PM Modi) का भाषा को लेकर दिए बयान का गर्मजोशी से स्वागत किया। उनके बयान पर सम्मान और सौभाग्य बताया।
View this post on Instagram
पढ़ें :- Video: हीरामंडी स्क्रीनिंग में रेखा ने ऋचा चड्ढा को आशीर्वाद दिया, बेबी बंप पर किस करते कही ये बात
किच्चा (Kichcha Sudeep) ने कहा कि ‘जो अपनी भाषा को महत्व और सम्मान देता है। उसका इस तरह से बोलना जबरदस्त है। सभी भाषाओं का गर्मजोशी से स्वागत है’। एक्टर ने कहा कि वो केवल कन्नड़ का प्रतिनिधित्व नहीं कर रहे। वो बात कर रहे हैं प्रधानमंत्री के उस बयान की जिससे हर किसी की मातृभाषा को सम्मान किया गया। एक्टर ने पीएम मोदी के लिए कहा कि वो उन्हें एक राजनेता के तौर पर नहीं बल्कि लीडर के तौर पर देखते हैं।
सुदीप ने ये भी कहा कि ‘वो दक्षिण सिनेमा से आते हैं और जब इसे अखिल भारतीय कहा जाता है तो उन्हें अच्छा नहीं लगता है। इसका हिंदी से कोई लेना-देना नहीं है। ये हमारा देश है और हम हर किसी तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि सिनेमा सभी भाषाओं के लिए खुल गया है। हर राज्य के लोग उन फिल्मों को देखना पसंद करते हैं, जो अच्छी हो’। एक्टर ने अपनी बात को आगे बढ़ाते हुए कहा कि ‘इसका किसी भी तरह की भावनाओं से लेना-देना नहीं है. लेकिन तथ्यात्मक बात ये है कि जब फिल्मों को अन्य भाषाओं में डब किया जाता है तो उन्हें अखिल भारतीय कहा जाना चाहिए।’