यूपी (UP)का लखीमपुर खीरी जिला (Lakhimpur Kheri District) दुधवा टाइगर रिजर्व (Dudhwa Tiger Reserve) के लिए जाना जाता है। इस टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) को बाघों के लिए स्वर्ग कहा गया है। यहां के वातावरण को उनके जनसंख्या वृद्धि के लिए काफी उपयुक्त माना गया है और ऐसा हुआ भी, लेकिन बीते तीन साल में 10 बाघों की मौत ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पिछले 10 दिन में ही यहां से तीन बाघ और एक तेंदुए की मौत की खबर सामने आ चुकी है।
लखीमपुर खीरी। यूपी (UP)का लखीमपुर खीरी जिला (Lakhimpur Kheri District) दुधवा टाइगर रिजर्व (Dudhwa Tiger Reserve) के लिए जाना जाता है। इस टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) को बाघों के लिए स्वर्ग कहा गया है। यहां के वातावरण को उनके जनसंख्या वृद्धि के लिए काफी उपयुक्त माना गया है और ऐसा हुआ भी, लेकिन बीते तीन साल में 10 बाघों की मौत ने बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पिछले 10 दिन में ही यहां से तीन बाघ और एक तेंदुए की मौत की खबर सामने आ चुकी है।
दुधवा टाइगर रिजर्व (Dudhwa Tiger Reserve) में बाघों की मौत से वन विभाग में हड़कंप मचा हुआ है। मामले की गंभीरता इस बात से लगाया जा सकता है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा और उनके निर्देश पर फौरन वन मंत्री समेत तमाम सीनियर अधिकारी मौके के लिए रवाना हो गए है। सीएम योगी (CM Yogi ) ने इस पूरे मामले पर उच्चाधिकारियों से रिपोर्ट तलब की है।
वन विभाग की कार्यशैली पर उठ रहे हैं सवाल
बाघों की 24 घंटे निगरानी का दावा करने वाला वन विभाग (Forest Department) इस घटना से पूरी तरह बेनकाब हो गया। वन विभाग (Forest Department) की लापरवाही का आलम ये है कि बाघ के मरने के बाद जब जंगल में बदबू फैली तब जाकर टाइगर रिजर्व के अधिकारियों को होश आया। इसके बाद उन्होंने मृत बाघ की खोजबीन शुरू की। मैलानी रेंज में एक तालाब में बाघ की लाश पड़ी मिली। टाइगर रिजर्व (Tiger Reserve) में बाघों की ताबड़तोड़ मौत रहस्य बनती जा रही है। विभाग के अधिकारी मौतों के पीछे आपसी झड़प को वजह बता इससे पल्ला झाड़ने की कोशिश करते हैं।
लेकिन बीते हफ्ते शुक्रवार को रामपुर ढकैया गांव में दम तोड़ने वाली बाघिन का जब पोस्टमार्टम हुआ तो रिपोर्ट होश उड़ाने वाले थे। पीएम रिपोर्ट में बाघिन का पेट बिल्कुल खाली था। रिपोर्ट में मौत के पीछे भूख और प्यास को बताया गया है। इससे विभाग के उस दावे पर सवाल खड़ा हो रहा है, जिसमें टाइगर रिजर्व में बाघों के लिए प्रर्याप्त मात्रा में भोजन और पानी की उपलब्धता की बात कही गई है। वन विशेषज्ञों का कहना है कि अगर बाघ प्राकृतिक रूप से शिकार करने में अक्षम साबित हो रहे हैं, तो ये खतरनाक स्थिति है।
सीएम योगी का बड़ा एक्शन
दुधवा टाइगर रिजर्व (Dudhwa Tiger Reserve) में लगातार हो रही बाघों की मौत पर सीएम योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) का एक्शन जारी है। मुख्यमंत्री ने मुख्य वन्य जीव प्रतिपालक सुनील चौधरी (Chief Wildlife Warden Sunil Chowdhary) को उनके पद से हटा दिया है। हालांकि, वे प्रोजेक्ट टाइगर के इंचार्ज बने रहेंगे। बता दें कि शुक्रवार को मुख्यमंत्री के आदेश पर लखनऊ से वन मंत्री अरविंद कुमार सक्सेना (Forest Minister Arvind Kumar Saxena) के नेतृत्व में जो जांच टीम दुधवा गई है, उसमें सुनील चौधरी (Sunil Chowdhary) भी शामिल हैं।
बाघों की अक्सर इंसानों से हो जाती है झड़प
लखीमपुर खीरी इलाके में बाघों की अक्सर इंसानों से झड़प हो जाती है। कई लोकल ग्रामीण इनके हमले की भेंट चढ़ चुके हैं। बीते हफ्ते शुक्रवार को रामपुर ढकैया गांव में बाघिन के घुसने की घटना इसका उदाहरण है। गुरूवार को जिले में एक और ऐसी ही घटना घटी है। तिकुनिया इलाके में एक किसान का शव शाम को गन्ने के खेत में पड़ा मिला। शव पूरी तरह क्षत-विक्षत हो चुकी थी। उस पर बाघ के हमले के निशाने थे। इसको लेकर ग्रामीणों ने जमकर बवाल काटा था। लगातार हो रहे ऐसे हादसे से रिजर्व के पास रहने वाले ग्रामीण दहशत में हैं।