यूपी और मध्य प्रदेश के बाद अब गुजरात सरकार ने भी लव जिहाद कानून () 15 जून से लागू कर दिया है। गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021 को विधानसभा में 1 अप्रैल को बहुमत से पारित किया था। इसे गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मई में मंजूरी दे दी थी।
राजकोट। यूपी और मध्य प्रदेश के बाद अब गुजरात सरकार ने भी लव जिहाद कानून () 15 जून से लागू कर दिया है। गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021 को विधानसभा में 1 अप्रैल को बहुमत से पारित किया था। इसे गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मई में मंजूरी दे दी थी। गुजरात धर्म की स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक, 2021 के तहत शादी के जरिए जबरन धर्म परिवर्तन कराने पर सख्त सजा का प्रावधान रखा गया है। इस कानून के तहत 4 से 7 साल तक की सजा का प्रावधान है।
ये है लव जिहाद कानून की खास बातें
-केवल धर्मांतरण के उद्देश्य से विवाह या विवाह के उद्देश्य के लिए धर्मांतरण के मामले में विवाह को पारिवारिक न्यायालय व न्यायालय द्वारा रद्द कर दिया जाएगा।
-कोई भी व्यक्ति, प्रत्यक्ष , बलपूर्वक, कपटपूर्ण साधनों, विवाह या विवाह में सहायता करने के लिए धर्मांतरण करवा नहीं सकेगा।
-इसमें लव जिहाद हुआ है या नहीं, ये साबित करने का भार अभियुक्त, अभियोगकर्ता और सहायक पर होगा।
– जो अपराध करता है। इसके अलावा अपराध में मदद ,सलाह देता है तो उसे समान रूप से दोषी माना जाएगा।
-इस प्रावधान का उल्लंघन करने पर कम से कम 3 साल और 5 साल तक की कैद और कम से कम 2 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है।
– महिला, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति के संबंध में सजा का प्रावधान 4 से 7 वर्ष के कारावास और 3 लाख रुपये से कम के जुर्माने से दंडनीय होगा।
– इन प्रावधानों का पालन नहीं करने वाले संगठन का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। ऐसे संगठन को कम से कम 3 साल की कैद और 10 साल तक की कैद और 5 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है।
-ऐसा संगठन आरोप पत्र दाखिल करने की तिथि से राज्य सरकार से वित्तीय सहायता या अनुदान के लिए पात्र नहीं होगा।
– इस अधिनियम के तहत अपराधों को गैर-जमानती और संज्ञेय अपराध माना जाएगा और पुलिस उपाधीक्षक के पद से नीचे के अधिकारी द्वारा जांच नहीं की जाएगी।