HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. एस्ट्रोलोजी
  3. Maa Kalratri Puja : देवी कालरात्रि की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है, जानें पूजन  की विधि

Maa Kalratri Puja : देवी कालरात्रि की पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है, जानें पूजन  की विधि

शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। देवी मां कालरात्रि का स्वरूप बहुत ही विकराल और डरावना है।

By अनूप कुमार 
Updated Date

Maa Kalratri Puja : शारदीय नवरात्रि के सातवें दिन देवी कालरात्रि की पूजा की जाती है। देवी मां कालरात्रि का स्वरूप बहुत ही विकराल और डरावना है।  देवी कालरात्रि को व्यापक रूप से माता देवी – काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, मृत्यू-रुद्राणी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है। रौद्री , धूम्रवर्णा कालरात्रि मां के अन्य कम प्रसिद्ध नामों में हैं। पौराणिक मान्यता है कि देवी कालरात्रि के इस रूप में सभी राक्षस,भूत, प्रेत, पिशाच और नकारात्मक ऊर्जाओं का नाश होता है, जो उनके आगमन से पलायन करते हैं। इनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है। सिर के बाल बिखरे हुए हैं। गले में विद्युत की तरह चमकने वाली माला है।

पढ़ें :- Hanuman ji ने की थी इतिहास में सबसे पहली सर्जिकल स्ट्राइक, रामायण में हो चुका वर्णन

मंत्र
या देवी सर्वभू‍तेषु माँ कालरात्रि रूपेण संस्थिता। नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।

मां कालरात्रि की पूजा के लिए प्रात:स्नान के बाद  घी का दीपक जलाकर पूरे परिवार के साथ माता के जयकारे लगाएं। इसके बाद प्रात:स्नान के बाद व्रत और मां कालरात्रि के पूजन का संकल्प लें। उसके बाद मां कालरात्रि को जल, फूल, अक्षत्, धूप, दीप, गंध, फल, कुमकुम, सिंदूर आदि अर्पित करते हुए पूजन करें।

Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...