महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) बीमार पड़ गए हैं। वह तेज बुखार की समस्या से जूझ रहे हैं। हालत यह है कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की वजह से वह घर से बाहर भी निकल नहीं पा रहे हैं। शिंदे की हालत को देखते हुए उनके गांव में डॉक्टरों की एक टीम पहुंच गई है।
सतारा। महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Chief Minister Eknath Shinde) बीमार पड़ गए हैं। वह तेज बुखार की समस्या से जूझ रहे हैं। हालत यह है कि स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों की वजह से वह घर से बाहर भी निकल नहीं पा रहे हैं। शिंदे की हालत को देखते हुए उनके गांव में डॉक्टरों की एक टीम पहुंच गई है। डॉक्टरों की निगरानी में उनका इलाज चल रहा है। बता दें कि हाल में संपन्न विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। हालांकि, विभागों के बंटवारे पर पेच फंसने की वजह से अभी तक सरकार का गठन नहीं हो सका है। इन सबके बीच एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) शुक्रवार को मुंबई से अपने गांव आ गए थे।
जानकारी के अनुसार, एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) शुक्रवार को सतारा स्थित अपने गांव पहुंचे थे। इसके बाद वह अचानक से बीमार पड़ गए। बताया जा रहा है कि वह हाई-फीवर से जूझ रहे हैं। 104 डिग्री बुखार होने की वजह से वह गांव में अपने घर से बाहर भी नहीं निकल सके। चुनाव के बाद से उनकी व्यस्तता लगातार बनी हुई है। मुंबई से सतारा आने से पहले वह दिल्ली में थे। महाराष्ट्र के केयरटेकर सीएम के खराब स्वास्थ्य को देखते हुए प्रशासनिक अमले में खलबली मच गई। आनन-फानन में डॉक्टरों की एक टीम उनके गांव पहुंच गई। फिलहाल उनका इलाज चल रहा है। तेज बुखार की वजह से शिंदे शनिवार को कहीं जा भी नहीं सके।
एकनाथ शिंदे को स्लाइन भी चढ़ाई
डॉक्टरों की टीम ने टेस्ट के बाद एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) को स्लाइन भी चढ़ाई है। डॉक्टरों ने फिलहाल उन्हें आराम करने की सलाह दी है। इस वजह से शिंदे घर से बाहर भी निकले। महायुति ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly Elections) में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता में वापसी की है। महायुति गठबंधन में शिवसेना-शिंदे गुट भी शामिल है। इसके अलावा भाजपा और अजित पवार गुट (NCP) भी महायुति के घटक दलों में है। पहले मुख्यमंत्री पद को लेकर खींचतान होने की बात कही गई थी। इसके बाद शिंदे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्ट कर दिया था कि वह मुख्यमंत्री नहीं बनना चाहते हैं। उसके बाद अब विभागों के बंटवारे को लेकर बातचीत का दौर चल रहा है।