बॉलीवुड की पंगा क्वीन पद्मश्री कंगना रणौत (Kangana Ranaut) के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। बता दें कि कंगना रणौत (Kangana Ranaut) देश की आजादी का साल 2014 बताकर कंगना विवादों में घिर गई हैं। सोशल मीडिया पर फैंस उनसे पद्मश्री (Padma Shri) वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #KanganaRanautDeshdrohi टॉप ट्रेंडिंग में बना हुआ है।
मुंबई। बॉलीवुड की पंगा क्वीन पद्मश्री कंगना रणौत (Kangana Ranaut) के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। बता दें कि कंगना रणौत (Kangana Ranaut) देश की आजादी का साल 2014 बताकर कंगना विवादों में घिर गई हैं। सोशल मीडिया पर फैंस उनसे पद्मश्री (Padma Shri) वापस लेने की मांग कर रहे हैं। सोशल मीडिया पर #KanganaRanautDeshdrohi टॉप ट्रेंडिंग में बना हुआ है।
इसी बीच राष्ट्रपिता महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) के पड़पौत्र तुषार गांधी (Tushar Gandhi ) ने बीते शुकव्रार को अभिनेत्री को नफरत का एक एजेंट बताते हुए ट्वीट किया है। इसके साथ ही पद्मश्री कंगना रणौत को नफरत और असहिष्णुता की एजेंट (Agent of Hatred and Intolerance) बताया है। उन्होंने कहा कि यह हैरानी की बात नहीं है कि उन्हें लगता है कि भारत को आजादी 2014 में मिली। घृणा, असहिष्णुता, दिखावटी देशभक्ति और दमन को भारत में 2014 में आजादी मिली।
महाराष्ट्र बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Maharashtra BJP state president Chandrakant Patil) ने कहा कि किसी को भी आजादी की लड़ाई या फिर स्वतंत्रता सेनानियों पर नकारात्मक टिप्पणी (Negative Comment) करने का हक नहीं है। ऐसा करना सरासर गलत है। उन्होंने कहा कि आप प्रधानमंत्री के कामों की तारीफ कर सकते हैं, लेकिन स्वतंत्रता आंदोलन (Freedom Movement) की आलोचना नहीं करनी चाहिए। हालांकि, वह यह भी बोले कि अभिनेत्री ने किन भावनाओं के चलते ऐसी टिप्पणी की वो फिलहाल नहीं कह सकते हैं।
कंगना के भीख में मिली आजादी वाले बयान के बाद उन पर कई केस दर्ज हो चुके हैं। कंगना ने गुरुवार को यह कहकर विवाद उत्पन्न कर दिया था कि भारत को ‘वास्तविक आजादी’ 2014 में मिली थी।