महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर हुए। जैन धर्म में 24 तीर्थंकर हैं। तीर्थंकर को अरिहंत कहा जाता है।
Mahavir jayanti date 2023 : महावीर स्वामी जैन धर्म के 24वें और अंतिम तीर्थंकर हुए। जैन धर्म में 24 तीर्थंकर हैं। तीर्थंकर को अरिहंत कहा जाता है। महावीर जयंती हर साल चैत्र मास की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस बार यह 04 अप्रैल दिन मंगलवार को है। भगवान के जंयती के अवसर पर जैन धर्म लोग उत्सव मनाते है , प्रभात फेरी, अनुष्ठान और शोभा यात्रा निकालते हैं।
तीर्थंकर महावीर स्वामी का जन्म बिहार के कुंडग्राम में हुआ था। ऐसी मान्यता है कि इन्होंने 30 वर्ष की आयु में ही महलों का सुख त्याग कर जीवन को समझने के लिए वानप्रस्थ हो गए। महावीर को ऋजुबालुका नदी के तट पर साल वृक्ष के नीचे कैवल्य ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। आइये जानते हैं महावीर जयंती का शुभ मुहूर्त और उनके जीवन के उपदेश।
1.भगवान महावीर ने मोक्ष प्राप्ति के लिए पांच नियम बताए हैं, जो इस प्रकार हैं- अहिंसा, अस्तेय, ब्रह्मचर्य, सत्य और अपरिग्रह।
2.खुद के विचारों पर विजय प्राप्त कर लो। यह हजारों शत्रुओं पर विजय पाने के बराबर है।
3.आनंद अपने अंदर प्राप्त करने की कोशिश करें। बाहर ढूंढने से बेहतर है। हर एक से प्रेम करो। घृणा करने से बचिए।
4.सही दिशा में काम करके आप ईश्वर को प्राप्त कर सकते हैं। यही तरीका है देवताओं को पाने का