मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश भर में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्यौहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा।
Makar Sankranti 2023 January 15 : मकर संक्रांति का पर्व पूरे देश भर में हर्षोल्लास से मनाया जाता है। इस वर्ष यह त्यौहार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। इस त्यौहार पर खिचड़ी बनाने का एक विशेष महत्व है। कई जगहों पर इसे खिचड़ी पर्व के नाम से भी जाना जाता है। मकर संक्रांति से सूर्य उत्तरायण होते हैं और ऐसे शुभ संयोग में मकर संक्रांति पर स्नान, दान और सूर्य उपासना से अन्य दिनों में किए गए दान-धर्म से अधिक पुण्य की प्राप्ति होगी। आइए जानते हैं मकर संक्रांति का पुण्य और महापुण्य काल।
सूर्य का मकर राशि में प्रवेश – रात 08.57 (14 जनवरी 2023)
मकर संक्रांति पुण्य काल – सुबह 07:17- शाम 05:55 पी एम (15 जनवरी 2023)
अवधि – 10 घण्टे 38 मिनिट्स
मकर संक्रान्ति महा पुण्य काल – सुबह 07:17 – सुबह 09:04 (15 जनवरी 2023)
अवधि – 01 घण्टा 46 मिनट्स
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक मकर संक्रांति पर जो खिचड़ी बनाई जाती है उसका संबंध किसी न किसी ग्रह से रहता है। जैसे खिचड़ी में इस्तेमाल होने वाले चावल का संबंध चंद्रमा से होता है। खिचड़ी में डाली जाने वाली उड़द की दाल का संबंध शनिदेव, हल्दी का संबंध गुरु देव से और हरी सब्जियों का संबंध बुध देव से माना गया है। इसके अलावा खिचड़ी में घी का संबंध सूर्य देव से होता है। इसलिए मकर संक्रांति की खिचड़ी को बेहद खास माना जाता है। इस दिन गुड़, तिल और खिचड़ी का सेवन भी जरूर करें।