सनातन धर्म में मकर संक्रांति का पर्व उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। जब सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं तब मकर संक्रांति का पर्व मनाया जाता है।
मकर संक्रांति 2025 स्नान-दान मुहूर्त
मकर संक्रांति का पुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 9 बजकर 3 मिनट से शुरू होगा जबकि समाप्त शाम 5 बजकर 46 मिनट पर होगा। मकर संक्रांति का महापुण्यकाल 14 जनवरी को सुबह 9 बजकर 3 मिनट से सुबह 10 बजकर 4 मिनट तक रहेगा।
अमृत काल का शुभ मुहूर्त
14 जनवरी को ब्रह्म मुहूर्त सुबह 5 बजकर 27 मिनट से 6 बजकर 21 मिनट तक रहेगा। अमृत काल का शुभ मुहूर्त सुबह में 7 बजकर 55 मिनट से 9 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। मकर संक्रांति के दिन स्नान-दान के लिए पूरा दिन शुभ और अति उत्तम माना जाता है।
सूर्य को अर्घ्य
मकर संक्रांति के दिन सूर्योदय के समय तांबे के लोटे में जल, तिल और गुड़ डालकर सूर्य को अर्घ्य दें।इससे जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है और सूर्य से संबंधित समस्त दोषों का निवारण होता है। खिचड़ी में घी का संबंध सूर्य देव से होता है। इसलिए मकर संक्रांति की खिचड़ी को बेहद खास माना जाता है।
दान
मकर संक्रांति के दिन उड़द की दाल और चावल का दान किया जाता है। साथ ही तिल, चिड़वा, सोना, ऊनी वस्त्र, कंबल आदि दान करने का भी महत्व है।