मलेशिया और चीन के बीच तनातनी बढ़ गयी। मलेशिया ने चीन पर आरोप लगाया है कि चीन ने साल 1982 में हुई यूनाइटेड नेशंस(united nations) के समुद्रों पर बने कानून को तोड़ा है।
Malaysia: मलेशिया और चीन के बीच तनातनी बढ़ गयी। मलेशिया ने चीन पर आरोप लगाया है कि चीन ने साल 1982 में हुई यूनाइटेड नेशंस(united nations) के समुद्रों पर बने कानून को तोड़ा है। मलेशिया के विदेश मंत्रालय की तरफ से पिछले दिनों चीन के राजदूत आउंग यूजिन (Ambassador Aung Yujin) को तलब किया गया। इस वर्ष जून के बाद से ये दूसरा मौका था जब मलेशिया ने इस तरह से चीन के राजदूत को समन किया है।
खबरों के अनुसार, मलेशिया की तरफ से साउथ चाइना सी (South China Sea) में उसके हिस्से वाले विशेष आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में चीनी जहाज की मौजूदगी के बाद से मलेशिया भड़का हुआ है। इस घटना पर विरोध दर्ज कराने के मकसद से ही मलेशिया ने यह कदम उठाया है।
खबरों के अनुसार,साउथ चाइना सी में स्थित बर्नियो द्वीप पर मलेशिया अपना दावा करता है। यह क्षेत्र उसके एक्सक्लूसिव इकोनॉमिक जोन में आता है। यहां पर कुछ समय पहले चीन के जहाज की गतिविधियां देखी गई थीं। चीनी जहाज जिसमें एक सर्वे बोट भी शामिल है, वो साबा और सरावक में देखा गया था।
खबरों के अनुसार,इस वर्ष जून में चीन और मलेशिया के बीच उस समय स्थिति तनावपूर्ण हो गई थी जब चीन पर मलेशिया ने उसके एयरस्पेस में घुसपैठ का आरोप लगाया था। मलेशिया की तरफ से कहा गया था कि उसने चीनी एयरफोर्स ट्रांसपोर्ट विमानों को इंटरसेप्ट करने के बाद अपने फाइटर जेट को रवाना किया था।
खबरों के अनुसार,इस घटना के बाद चीन को सफाई देनी पड़ी थी। चीन ने कहा था कि उसके विमान रूटीन ट्रेनिंग कर थे। मलेशिया की तरफ से कहा गया था कि बॉर्नियो के ऊपर चीनी जेट्स को इंटरसेप्ट किया गया है।