सनातन धर्म में रोटी को मां अन्नपूर्णा का रूप माना जाता है। भारतीय जीवन शैली में रसोई में रोटी बनाने के कई नियम है।Roti Ke Upay:
Roti ke Upay : सनातन धर्म में रोटी को मां अन्नपूर्णा का रूप माना जाता है। भारतीय जीवन शैली में रसोई में रोटी बनाने के कई नियम है। इन नियमों को धर्म से जोड़ कर देखा जा जाता है। रोटी आहार के साथ कई संकटों का समाधान करती है। ज्योतिष शास्त्र में दुख को काटने के उपायों में रोटी का उपाय बताया जाता है। मान्यता है कि पितृ दोष ,शत्रु भय को दूर करने के लिए रोटी का उपाय किया जाता है।
घर में तवे पर पहली रोटी सेंकने के बाद उसमें शुद्ध घी लगाकर चार टुकड़े कर लें और चारों टुकड़ों पर खीर अथवा चीनी या गुड़ रख लें। इसमें से एक को गाय को, दूसरे को कुत्ते को, तीसरे को कौवे को और चौथे को किसी भिखारी को दे दें। इस उपाय के तहत गाय को रोटी को खिलाने से पितृ दोष दूर होगा, कुत्ते को रोटी खिलाने से शत्रु भय दूर होगा, कौवे को रोटी खिलाने से पितृदोष और कालसर्प दोष दूर होगा और अंतिम रोटी का टुकड़ा किसी गरीब या भूखे को भोजन के साथ खिलाने से आर्थिक कष्ट दूर होंगे और बिगड़े काम बनने लगेंगे।
यदि आपके जीवन में शनि से पीड़ित है या फिर राहु-केतु की अड़चन हो तो इन सभी ग्रहों की अशुभता को दूर करने के लिए रात के समय बनाई जाने वाली अंतिम रोटी पर सरसों का तेल लगाकर काले कुत्ते को खाने के लिए दें।