महाराष्ट्र में सोमवार को एक बार फिर आरक्षण की आग भड़क गई है। एक अधिकारी ने बताया कि मराठा प्रदर्शनकारियों (Maratha Protesters) ने अंबाद तालुका (Ambad Taluka) के तीर्थपुरी शहर (Tirthapuri city) में छत्रपति शिवाजी महाराज चौक (Chhatrapati Shivaji Maharaj Chowk) पर राज्य परिवहन (State Transport) की एक बस को आग लगा दी है।
मुंबई : महाराष्ट्र में सोमवार को एक बार फिर आरक्षण की आग भड़क गई है। एक अधिकारी ने बताया कि मराठा प्रदर्शनकारियों (Maratha Protesters) ने अंबाद तालुका (Ambad Taluka) के तीर्थपुरी शहर (Tirthapuri city) में छत्रपति शिवाजी महाराज चौक (Chhatrapati Shivaji Maharaj Chowk) पर राज्य परिवहन (State Transport) की एक बस को आग लगा दी है। तीजतन, महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC)ने पुलिस शिकायत दर्ज की है। अगली सूचना तक जालना (Jalna) में बस सेवाएं निलंबित (Bus Services Suspended) कर दी हैं।
महाराष्ट्र राज्य सड़क परिवहन निगम (MSRTC) ने अगली सूचना तक जालना में अपनी बसें रोक दी हैं। मराठा आंदोलनकारियों (Maratha Protesters) द्वारा एक बस को कथित तौर पर जलाए जाने के बाद MSRTC के अंबाद डिपो प्रबंधक द्वारा एक स्थानीय पुलिस स्टेशन में एक पुलिस शिकायत दर्ज की गई है। बता दें कि मराठा समुदाय कई सालों से मराठा आरक्षण (Maratha Reservation) के मुद्दे पर राज्य सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहा है।
महाराष्ट्र विधान सभा (Maharashtra Legislative Assembly) ने फरवरी में पेश किए गए मराठा आरक्षण विधेयक (Maratha Reservation Bill) को सर्वसम्मति से पारित कर दिया। जिसका उद्देश्य मराठों को 50 प्रतिशत की सीमा से ऊपर 10 प्रतिशत आरक्षण देना था। 20 फरवरी को विधानसभा में कोटा विधेयक पारित होने के बाद भी अपनी भूख हड़ताल बंद करने से इनकार करते हुए, मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल (Maratha reservation activist Manoj Jarange Patil) ने मांग की कि एनडीए सरकार दो दिनों के भीतर ‘सेज सोयरे’ अध्यादेश अधिसूचना को लागू करे, ऐसा न करने पर 24 फरवरी को राज्य में नए सिरे से आंदोलन शुरू किया जाएगा।
मनोज जारांगे पाटिल (Manoj Jarange Patil)जो सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शनों में सबसे आगे और केंद्र में रहे हैं। कहा कि समुदाय के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण की गारंटी देने वाला विधेयक उनकी मांगों को पूरा करने में कम है। इस बीच भारतीय जनता पार्टी (BJP) नेता अशोक चव्हाण ने उनकी सभी मांगें पूरी होने के बाद भी आंदोलन जारी रखने की आवश्यकता पर सवाल उठाया।