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मायावती का पटना में विपक्षी दलों की बैठक से पहले कसा तंज, बोलीं- ‘दिल मिले न मिले हाथ मिलाते रहिए’

बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने गुरुवार को ट्वीट कर विरोधी दलों पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि  महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अशिक्षा, जातीय द्वेष, धार्मिक उन्माद/हिंसा आदि से ग्रस्त देश में बहुजन के त्रस्त हालात से स्पष्ट है कि परमपूज्य बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी समतामूलक संविधान को सही से लागू करने की क्षमता कांग्रेस, बीजेपी (BJP) जैसी पार्टियों के पास नही।

By संतोष सिंह 
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लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी (BSP) की सुप्रीमो मायावती (Mayawati) ने गुरुवार को ट्वीट कर विरोधी दलों पर बड़ा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि  महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, पिछड़ापन, अशिक्षा, जातीय द्वेष, धार्मिक उन्माद/हिंसा आदि से ग्रस्त देश में बहुजन के त्रस्त हालात से स्पष्ट है कि परमपूज्य बाबा साहेब भीमराव अम्बेडकर के मानवतावादी समतामूलक संविधान को सही से लागू करने की क्षमता कांग्रेस, बीजेपी (BJP) जैसी पार्टियों के पास नही।

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बल्कि अब लोकसभा आम चुनाव (Lok Sabha General Election) के पूर्व विपक्षी पार्टियां जिन मुद्दों को मिलकर उठा रही हैं और ऐसे में  नीतीश कुमार द्वारा कल 23 जून की विपक्षी नेताओं की पटना बैठक ‘दिल मिले न मिले हांथ मिलाते रहिए’ की कहावत को ज्यादा चरितार्थ करता है।

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उन्होंने कहा कि  वैसे अगले लोकसभा चुनाव (Lok Sabha General Election)  की तैयारी को ध्यान में रखकर इस प्रकार के प्रयास से पहले अगर ये पार्टियां, जनता में उनके प्रति आम विश्वास जगाने की गरज से, अपने गिरेबान में झांककर अपनी नीयत को थोड़ा पाक-साफ कर लेतीं तो बेहतर होता। ’मुँह में राम बग़ल में छुरी’ आख़िर कब तक चलेगा?

यूपी (UP) में लोकसभा की 80 सीट चुनावी सफलता की कुंजी कहलाती है, किन्तु विपक्षी पार्टियों के रवैये से ऐसा नहीं लगता है कि वे यहां अपने उद्देश्य के प्रति गंभीर व सही मायने में चिन्तित हैं। बिना सही प्राथमिकताओं के साथ यहां लोकसभा चुनाव (Lok Sabha General Election)  की तैयारी क्या वाकई जरूरी बदलाव ला पाएगी?

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