Miracle News : उत्तराखंड (Uttarakhand) में अल्मोड़ा जिले (Almora District) के भिकियासैंण की एक मुर्गी इन दिनों मीडिया के सुर्खियों में बनी हुई है। उसने एक दिन में 31 अंडे देने का अनोखा रिकॉर्ड बनाया है। जिसके बाद मुर्गी और उसके अंडे देखने के लिए दूर-दराज से लोग पहुंच रहे हैं।
Miracle News : उत्तराखंड (Uttarakhand) में अल्मोड़ा जिले (Almora District) के भिकियासैंण की एक मुर्गी इन दिनों मीडिया के सुर्खियों में बनी हुई है। उसने एक दिन में 31 अंडे देने का अनोखा रिकॉर्ड बनाया है। जिसके बाद मुर्गी और उसके अंडे (Eggs) देखने के लिए दूर-दराज से लोग पहुंच रहे हैं।
यहां एक मुर्गी लगातार अंडे दिए जा रही है। इसे प्राकृतिक की देन कहें या फिर कोई चमत्कार, लेकिन मुर्गी ने एक ही दिन में 31 अंडे देकर लोगों को दांतों तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया है। विश्व रिकॉर्ड (World Record) की संभावना जताते हुए इस घटना को गिनीज बुक (Guinness Book) में दर्ज करवाने की मांग की जा रही है।
बता दें कि तहसील के बासोट में गिरीश चंद्र बुधानी (Girish Chandra Budhani) ने यह मुर्गी पाली हुई है। मूंगफली (Groundnut)और लहसुन की शौकीन मुर्गी ने अलग ही कारनामा कर दिया है। 25 दिसंबर यानी बीते रविवार की शाम करीब पांच बजे जब गिरीश अपने घर पहुंचे तो उनकी मुर्गी लगातार दो-दो करके अंडे देती जा रही थी।
मुर्गी को देखने के लिए लोगों की भारी भीड़ हुई जमा
सुबह आठ बजे से अंडे देने का दौर शुरू हुआ और पूरा दिन रुक-रुककर यह प्रक्रिया चलती रही। रात करीब 10 बजे तक मुर्गी ने 31 अंडे दिए। घटना के बाद पूरे क्षेत्र में यह बात तेजी से फैलने लगी। इस दौरान उनके घर इस मुर्गी को देखने लोगों की भीड़ जमा होने लगी है।
बताया जा रहा है कि उनकी दो मुर्गियां हैं । वह मुर्गियों को सामान्य भोजन के साथ ही मूंगफली भी खिलाते हैं। प्रतिदिन मुर्गी करीब 200 ग्राम मूंगफली खा लेती है। आंखों के सामने मुर्गी के अंडे देने की घटना देख परिवार के सभी लोग चौंक गए।
उन्हें मुर्गी के स्वास्थ्य के प्रति भी भय होने लगा, लेकिन पशु चिकित्सक (Veterinary Doctor) ने उन्हें मुर्गी के पूरी तरह स्वस्थ होने की बात कही। वहीं इसके बाद ऊपरी हवा या अंध विश्वास को लेकर भी चर्चाए रहीं, लेकिन फिलहाल इसकी भी कोई पुष्टि नहीं हो सकी है।
बायोलॉजिकली भी यह संभव नहीं
सीवीओ, अल्मोड़ा डॉ. उदय शंकर ने कहा कि मौके पर पशु चिकित्सकों (Veterinary Doctor) की टीम गई थी, लेकिन उसके कोई प्रमाण अभी तक नहीं मिले। जिससे इसकी पुष्टि हम नहीं कर सकते है। बायोलॉजिकली भी यह संभव नहीं दिखाई देता है।