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शाहजहांपुर में तिरपाल से ढकी गयीं मस्जिदें, ‘लाट साहब होली’ से पहले भारी पुलिस फोर्स तैनात

Laat Saheb' Holi: शाहजहांपुर में 14 मार्च को होली के त्योहार और विशेष रूप से शहर की 'लाट साहब' की होली से पहले मस्जिदों को ढक तिरपाल से दिया गया है। साथ ही इलाके में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना ना हो। 'लाट साहब' होली जुलूस, 300 साल पुरानी एक अनूठी परंपरा है, जिसमें पूरे शहर में बैलगाड़ी पर 'लाट साहब' का जुलूस निकाला जाता है।

By Abhimanyu 
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Laat Saheb Holi: शाहजहांपुर में 14 मार्च को होली के त्योहार और विशेष रूप से शहर की ‘लाट साहब’ की होली से पहले मस्जिदों को ढक तिरपाल से दिया गया है। साथ ही इलाके में भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना ना हो। ‘लाट साहब’ होली जुलूस, 300 साल पुरानी एक अनूठी परंपरा है, जिसमें पूरे शहर में बैलगाड़ी पर ‘लाट साहब’ का जुलूस निकाला जाता है।

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दरअसल, होली और रमजान में जुमे की नमाज एक ही दिन पड़ रहे हैं। इसलिए मस्जिदों को तिरपाल से ढकने के साथ-साथ भारी पुलिस फोर्स की तैनाती की गई है। शाहजहांपुर में ‘लाट साहब’ होली से पहले की तैयारियों पर एसपी राजेश एस ने बताया, “हमने एक महीने पहले शांति समिति की बैठक शुरू की थी और आवश्यक संख्या में सुरक्षा बलों की मांग की थी… कुल मिलाकर, लगभग 3500 सुरक्षा बल तैनात किए जाएंगे। लाट साहब के दोनों तरफ की सभी मस्जिदों को कवर किया गया है। हम ड्रोन, सीसीटीवी के जरिए नजर रख रहे हैं। सभी तैयारियां कर ली गई हैं।”

बता दें कि 14 मार्च यानी जुमे वाले दिन होली पर शाहजहांपुर में ‘लाट साहब’ का लंबा-चौड़ा जुलूस निकलेगा। इसमें एक व्यक्ति को ‘लाट साहब’ बनाकर बैलगाड़ी पर बैठाया जाता है। लोग उस पर रंग, जूते–चप्पल बरसाते हैं, इसलिए सुरक्षा-व्यवस्था का तर्क देकर मस्जिदों को ढका जा रहा है। हालांकि, ये कोई पहली बार नहीं हो रहा है। मस्जिदों में रंग-गुलाल ना पड़े और कोई सांप्रदायिक विवाद ना हो, इसलिए शहर में निकलने वाले ‘बड़े लाट साहब’ और ‘छोटे लाट साहब’ के जुलूस के रास्ते में पड़ने वाली मस्जिदों को आपसी सहमति से ढक दिया जाता है।

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