सूबे की डॉक्टर मोहन यादव सरकार नौ विभागों में लागू 13 कानूनों को बदलने की तैयारी में है। दरअसल, वर्तमान स्थिति और परिस्थिति को देखकर नए कानूनों को अमलीजामा पहनाया जाएगा।
भोपाल। सूबे की डॉक्टर मोहन यादव सरकार नौ विभागों में लागू 13 कानूनों को बदलने की तैयारी में है। ये वे कानून है जो अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे है लेकिन अब इनमें बदलाव की तैयारी हो रही है।
विभागों से प्रस्ताव मंगाए गए हैं
मप्र के विभागों में अंग्रेजों के जमाने से चले आ रहे कुछ कानूनों को सरकार बदलने की तैयारी कर रही है। दरअसल, वर्तमान स्थिति और परिस्थिति को देखकर नए कानूनों को अमलीजामा पहनाया जाएगा। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने 9 विभागों के 13 कानून को बदलने की तैयारी कर चुकी है। इसके लिए विभागों से प्रस्ताव मंगाए गए हैं। गौरतलब है कि प्रदेश में आजादी के 77 साल बाद भी विभागों में अंग्रेजों के समय के कानून चल रहे हैं। मोहन यादव सरकार आजादी के पहले से लागू 9 विभागों के नियमों और अधिनियमों में बदलाव करना चाहती है।
इन विभागों से मांगी गई है जानकारी
विधि और विधायी कार्य विभाग ने 9 विभागों से उनके पुराने नियमों और अधिनियमों की समीक्षा कर उन्हें निरस्त या संशोधित किए जाने को लेकर जानकारी मांगी है। इसके लिए विभागों के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव और सचिवों को पत्र भेजे गए हैं। जिन विभाग से जानकारी मांगी गई है, उनमें जल संसाधन विभाग, गृह विभाग, उद्योग और व्यापार विभाग, नगरीय विकास और आवास विभाग, वाणिज्यिक कर विभाग, पशुपालन विभाग, राजस्व विभाग, किसान कल्याण और कृषि विकास विभाग और स्कूल शिक्षा विभाग शामिल है। इन विभागों के जिन कानूनों को बदला जाना है उनमें कैटल डिजीजेज एक्ट (सेंट्रल प्रोविंस रीजन) 1934, स्लॉटर ऑफ एनिमल्स एक्ट 1915, एडजस्टमेंट एंड लिक्विडेशन आफ इंडस्ट्री वर्कर्स डेब्ट एक्ट 1936, एक्साइज एक्ट 1915, ओपियम एक्ट (सेंट्रल प्रोविंस रीजन) 1929, फैमिन रिलीफ एंड एक्ट 1937, डेब्ट कैसिलेंशन एक्ट 1933, रेगुलेशन ऑफ कोचिंग एक्ट (सेंट्रल प्रोविंस रीजन) 1944, मनी लेंडर्स एक्ट 1934, प्रोटेक्शन ऑफ डेब्टर्स एक्ट 1937, विद्यामंदिर एक्ट 1940, ग्रांट्स इन एड टू लोकल बॉडीज एक्ट 1934 तथा इरिगेशन एक्ट 1937 (सेंट्रल प्रोविंस रीजन) आदि शामिल हैं। विधि विभाग ने चार महीने पहले ही इन विभागों से जानकारी मांगी थी।