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Atiq-Arshad Murder : अतीक-अशरफ के कातिलों की पढ़ें पूरी क्राइम कुंडली, जानें क्या था इनका मकसद?

प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों अपराधियों के बारे पुलिस ने बड़ा खुलासा किया । प्रयागराज पुलिस ने बताया कि इन तीनों का क्रिमिनल बैकग्राउंड है। ये तीनों आरोपी यूपी के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। अतीक हत्याकांड में शामिल सनी हमीरपुर, अरुण उर्फ कालिया कासगंज और लवलेश तिवारी बांदा जिले का रहने वाला है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

प्रयागराज। प्रयागराज में अतीक अहमद और अशरफ की हत्या करने वाले तीनों अपराधियों के बारे पुलिस ने बड़ा खुलासा किया । प्रयागराज पुलिस ने बताया कि इन तीनों का क्रिमिनल बैकग्राउंड है। ये तीनों आरोपी यूपी के अलग-अलग जिलों के रहने वाले हैं। अतीक हत्याकांड में शामिल सनी हमीरपुर, अरुण उर्फ कालिया कासगंज और लवलेश तिवारी बांदा जिले का रहने वाला है।

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सनी सिंह के खिलाफ दर्ज हैं 15 केस 

प्रयागराज पुलिस ने बताया कि सनी सिंह के खिलाफ 15 केस दर्ज हैं। सनी सिंह हमीरपुर जिले के कुरारा कस्बे का रहने वाला है। वो कुरारा पुलिस थाने का हिस्ट्रीशीटर है, जिसकी हिस्ट्रीशीट नंबर 281A है। उसके खिलाफ करीब 15 केस दर्ज हैं। उसके भाई पिंटू ने बताया कि वो बीते 10 साल से अपने घर नहीं आया है। सनी के पिता जगत सिंह और मां की मौत हो चुकी है।

सनी के तीन भाई थे, जिनमें से एक की मौत हो चुकी है और दूसरा भाई पिंटू घर पर रहता है और चाय की दुकान चलाता है। भाई ने बताया कि ये ऐसे ही घूमता-फिरता रहता था और फालतू के काम करता रहता था। हम उससे अलग रहते हैं, वो बचपन में ही घर से भाग गया था।

अरुण के खिलाफ कई मामले

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अतीक-अशरफ हत्याकांड में कासगंज का अरुण उर्फ कालिया भी शामिल था। वो सोरों थाना क्षेत्र के बघेला पुख्ता का रहने वाला है। अरुण के पिता का नाम हीरालाल बताया जा रहा है। वो छह साल से बाहर रह रहा था। उसके माता-पिता की मौत करीब 15 पहले हो चुकी थी। अरुण ने जीआरपी थाने में तैनात पुलिसकर्मी की हत्या कर दी थी, जिसके बाद से ही वो फरार है। अरुण के दो छोटे भाई भी हैं, जिनके नाम धर्मेंद्र और आकाश हैं, जोकि फरीदाबाद में रहकर कबाडे का काम करते हैं।

पहले भी जेल जा चुका है लवलेश

बांदा में लवलेश तिवारी के घर का पता चल गया है। वो शहर कोतवाली के क्योतरा इलाके का रहने वाला है। उसके पिता ने बताया कि हमसे उसका कोई मतलब नहीं था। वह कभी-कभी ही घर आता-जाता था। 5-6 दिन पहले ही बांदा आया था। लवलेश इससे पहले एक मामले में जेल भी जा चुका है। अतीक अहमद और अशरफ अहमद की हत्या के आरोपियों में से एक लवलेश तिवारी की मां ने घटना के बाद बांदा में कहा कि पता नहीं उसके नसीब मैं क्या लिखा था।

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