नागा सन्यासी (Naga Saints) मां गौरा (Maa Gauri) की डोली उठाएंगे। इसके बाद महादेव परिवार के साथ काशी की गलियों में भ्रमण करेंगे। इस दौरान काशीवासी गुलाल की होली खेलेंगे। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर शिव-पार्वती (Shiva-Parvati) के विवाह के बाद पूर्व महंत के टेढ़ीनीम स्थित आवास पर मां गौरा के गौना की तैयारी शुरू हो गई है।
वाराणसी। नागा संन्यासी (Naga Saints) मां गौरा (Maa Gauri) की डोली उठाएंगे। इसके बाद महादेव परिवार के साथ काशी की गलियों में भ्रमण करेंगे। इस दौरान काशीवासी गुलाल की होली खेलेंगे। महाशिवरात्रि (Mahashivratri) पर शिव-पार्वती (Shiva-Parvati) के विवाह के बाद पूर्व महंत के टेढ़ीनीम स्थित आवास पर मां गौरा के गौना की तैयारी शुरू हो गई है।
पूर्व महंत आवास पर रंगभरी एकादशी और मां गौरा (Maa Gauri) की विदाई की तैयारी चल रही है। नागा सन्यासियों (Naga Sanyasis) ने बाबा को हल्दी लगाई थी। नागा साधु बाबा के लिए मेवाड़ से हल्दी मंगाकर काशी लाए थे। इसके साथ ही संपूर्ण विवाह और गौने की रस्म को पूरा करने की बात कही थी। पूर्व महंत आवास पर बाबा की रजत प्रतिमा के नगर भ्रमण की तैयारी चल रही है।
पूर्व महंत कुलपति तिवारी के निधन के बाद बाबा के विवाह और गौने की रस्में पं. वाचस्पति तिवारी के संयोजन में निभाई जा रही हैं। यह पहला मौका था जब नागा सन्यासियों (Naga Sanyasis) ने बाबा को हल्दी लगाई थी। महाशिवरात्रि पर बाबा के विवाह के बाद पूर्व महंत आवास रोजाना शाम को विवाह गीतों से गुंजायमान हो रहा है।