आज अत्यंत महत्व का पर्व है नाग पंचमी। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है। शास्त्रों में नागों को दूध से स्नान कराने को कहा गया है। सावन के महीने में जो इनकी पूजा करेंगे उनके परिवार में सर्पदंश का भय नहीं रहेगा।
Nagpanchami special 2021: आज अत्यंत महत्व का पर्व है नाग पंचमी। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है। शास्त्रों में नागों को दूध से स्नान कराने को कहा गया है।सावन के महीने में जो इनकी पूजा करेंगे उनके परिवार में सर्पदंश का भय नहीं रहेगा। इनकी कृपा से धन धान्य भी प्राप्त होगा।
नागपंचमी के दिन भगवान शिव के गले का हार बने वासुकी नाग, भगवान विष्णु की शैय्या बने शेषनाग, कालिया नाग और तक्षक नाग की प्रमुख रूप से पूजा की जाती है। नागपंचमी के दिन सांपों को कहीं-कहीं दूध भी पिलाया जाता है।
जनमेजय का नाग यज्ञ
सावन में नाग पूजा के पीछे एक अन्य कथा का संबंध भविष्य पुराण में मिलता है। इस पुराण में बताया गया है कि जनमेजय के नाग यज्ञ में जलने से बच जाने पर नागवंशी नागों ने आस्तिक मुनि और राजा जनमेजय से कहा कि सावन के महीने में और पंचमी तिथि को जो लोग नागवंशी नागों की पूजा करेंगे उनके घर में नाग दंश का भय नहीं रहेगा। जो लोग आस्तिक मुनि का नाम भी बोलेंगे और जो अपने घर के बाहर आस्तिक मुनि का नाम लिखेंगे उनके घर में भी नागों का प्रवेश नहीं होगा। इसलिए भी सावन में नागों की पूजा की जाती है। दरअसल आस्तिक मुनि ने ही राजा जनमेजय के यज्ञ में जलने से नागों की रक्षा की थी।