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Ice Cream Man : मां से स्‍वाद बढ़ाने का गुर सीखा और खड़ी कर दी 400 करोड़ की कंपनी

Ice Cream Man : ये बात कटु सत्य है कि संघर्ष और सफलता का रास्ता कठिन होता है, लेकिन यदि आपके हौंसले बुलंद हों तो आपको कामयाबी की कहनी लिखने से आपको कोई नहीं रोक सकता है। ऐसी ही कहानी है आइसक्रीम मैन कहने जाने वाले रघुनंदन श्रीनिवास कामत (Ice Cream Man  Raghunandan Srinivas Kamat) की ।

By संतोष सिंह 
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Ice Cream Man : ये बात कटु सत्य है कि संघर्ष और सफलता का रास्ता कठिन होता है, लेकिन यदि आपके हौंसले बुलंद हों तो आपको कामयाबी की कहानी लिखने से आपको कोई नहीं रोक सकता है। ऐसी ही कहानी है आइसक्रीम मैन कहने जाने वाले रघुनंदन श्रीनिवास कामत (Ice Cream Man  Raghunandan Srinivas Kamat) की । 37 साल की उम्र में बिजनेस शुरू करने का दम दिखाने वाले रघुनंदन श्रीनिवास कामत ने बोर्ड परीक्षा में फेल होने के बाद कारोबार में हाथ आजमाने की ठानी और अपने जुनून से इसे सक्‍सेज कर दिखाया। नेचुरल्‍स आइस क्रीम  (Natural Icecream)  प्रोडक्‍ट को टॉप 10 ब्रांड में  बनाने वाले रघुनंदन श्रीनिवास कामत (Raghunandan Srinivas Kamat) कर्नाटक के मैंगलोर जिले के एक छोटे से गांव में फल का ठेला लगाने वाले 7 भाई-बहनों में सबसे छोटे बेटे ने परिवार का भविष्‍य बदलने का बीड़ा उठाया ।

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रघुनंदन श्रीनिवास कामत (Raghunandan Srinivas Kamat) ने बिजनेस करने की ठानी और घर से दूर सपनों की नगरी मुंबई आ गए। डर और संकोच के साथ शुरू हुआ आइसक्रीम बनाने का उसका बिजनेस आज 400 करोड़ रुपये से ज्‍यादा का कारोबार बन चुका है। मिली जानकारी के अनुसार रघुनंदन श्रीनिवास कामत (Raghunandan Srinivas Kamat)  ने अपने पिता से ही फल का सही चुनाव और उसे संरक्षित करना सीखा था। फिर बिजनेस करने की नीयत से मुंबई आ गए। रघुनंदन ने साल 1984 में 14 फरवरी को अपना पहला आइस‍क्रीम ब्रांड नेचुरल्‍स (Ice Cream Brand Naturals)  शुरू किया और मुंबई के जुहू में पहला स्‍टोर खोला। उस समय उनकी कंपनी में सिर्फ 4 कर्मचारी थे और आइसक्रीम के 10 फ्लेवर के साथ बिजनेस शुरू किया।

कामत को शुरुआत में यह डर था कि लोग उनके आइसक्रीम फ्लेवर (Ice Cream Flavor)को टेस्‍ट करने आएंगे या नहीं। इसी डर की वजह से उन्‍होंने शुरुआत में आइसक्रीम को मुख्‍य प्रोडक्‍ट की तरह बेचने के बजाए पाव भाजी को मेन प्रोडक्‍ट के रूप में बेचना शुरू किया और आइसक्रीम को एड-ऑन की तरह देते थे। बाद में 12 तरह के फ्लेवर के साथ उन्‍होंने स्‍टोर को फुल फ्लेज्‍ड आइसक्रीम पार्लर (Full Flamed Ice Cream Parlor) के रूप में शुरू किया।

कामत ने अपनी आइसक्रीम की इस खासियत को करीब 4 दशक से बनाए रखा है कि इसमें कोई भी कलर या केमिकल नहीं मिलाया जाता। कामत की आइसक्रीम पूरी तरह नेचुरल प्रोडक्‍ट पर निर्भर रहती है। केपीएमजी (KPMG) ने अपने सर्वे में बताया था कि नेचुरल्‍स देश के टॉप 10 ब्रांड में शामिल है, जिसे कस्‍टमर एक्‍सपीरियंस के तौर पर आंका गया था।

पहले साल ही 5 लाख का कारोबार

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जुहू पर 200 वर्गफीट में पहला स्‍टोर खोलने वाले कामत को शुरुआती साल में ही 5 लाख रुपये का टर्नओवर प्राप्‍त हुआ। आइसक्रीम की बढ़ती पॉपुलैरिटी को देखते हुए उन्‍होंने अगले साल ही पाव भाजी का बिजनेस बंद कर दिया और पूरी तरह एक आइसक्रीम ब्रांड के रूप में पहचान बना ली। नेचुरल्‍स ब्रांड  (Naturals Brand) आज 5 फ्लेवर में फ्रोजेन डेजर्ट उपलब्‍ध करा रही है। इसमें सीताफल (कस्‍टर्ड एपल), काजू-द्राक्‍श, मैंगो, चॉकलेट और स्‍ट्रॉबेरी है।  नेचुरल्‍स आइसक्रीम  (Naturals Ice Cream) के आज देशभर के विभिन्‍न शहरों में 135 से ज्‍यादा आउटलेट खोल लिए हैं, जहां 20 से ज्यादा फ्लेवर्स की आइसक्रीम उपलब्ध हैं।

रघुनंदन का नेचुरल्‍स ब्रांड आज उनकी पत्‍नी अन्‍नपूर्णा और बेटों सिद्धांत व श्रीनिवास के साथ करीब 125 स्‍टाफ के जरिये रोजाना 20 टन आइसक्रीम बनाता है। एक समय उनके परिवार की कमाई 100 रुपये महीने से भी कम होती थी और 7 भाई-बहनों में सबसे छोटे कामत ने परिवार का भविष्‍य बदलने का बीड़ा उठाया।

फ्रूट, शुगर, मिल्‍क और मां हैं यूएसपी

कामत ने कहा कि उनके ब्रांड की यूएसपी फ्रूट, शुगर, मिल्‍क और मां हैं। मां से ही स्‍वाद बढ़ाने का गुर सीखा और अपने प्रोडक्‍ट में सिर्फ नेचुरल चीजों का इस्‍तेमाल किया। नेचुरल्‍स का मार्केटिंग टैगलाइन (Marketing Tagline of Naturals) ‘टेस्‍ट द ओरिजनल’ (Taste the Original) रखा है। नेचुरल्‍स के पार्लर पर अब न सिर्फ आइसक्रीम मिलती है, बल्कि हलवा और लड्डू जैसे मिष्‍ठान भी मिलते हैं। इसकी खासियत यह है कि ये सभी प्रोडक्‍ट पूरी तरह नेचुरल चीजों से ही बने होते हैं।

…और ऐसे बढ़ चला कारोबार

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फलों की प्रोसेसिंग के लिए उन्होंने खुद स्पेशल मशीनें बनवाई। अपनी जरूरत के हिसाब से डिजाइन कर मैन्युफैक्चर करवाया। मशीनों की मदद से काम तेज होने लगा तो उत्पादन बढ़ने लगा और बिजनेस भी। फ्रेंचाइजी के जरिये धीरे-धीरे कंपनी के आउटलेट भी बढ़ने लगा। कुछ आउटलेट रघुनंदन कामत के कंट्रोल में हैं, जबकि ज्यादातर फ्रेंचाइजी के तौर पर संचालित हो रहे हैं। कंपनी ने क्वालिटी के नाम पर न तो उन्होंने पहले समझौता किया है, न भविष्य में करेगी।

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