अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पड़ने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। अगर भक्त संकल्प लेकर नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करे और उसे पूरी भक्ति से जलाए रखे तो देवी प्रसन्न होती हैं।
Navratri 2021: अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की पड़ने वाली नवरात्रि को शारदीय नवरात्रि कहा जाता है। अगर भक्त संकल्प लेकर नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्वलित करे और उसे पूरी भक्ति से जलाए रखे तो देवी प्रसन्न होती हैं।अखंड ज्योति के सामने जप करने से हजार गुणा फल मिलता है। मन में देवी के प्रति समर्पण और भक्ति को दर्शाया जाता है। यह तन और मन में अंधकार को दूर करने का प्रतीक होता है। इस बार 07 अक्टूबर 2021 दिन गुरुवार से शारदीय नवरात्रि आरंभ हो रही हैं। 14 अक्टूबर को नवमी तिथि का व्रत रखा जाएगा।
अखंड ज्योति को लेकर जो नियम बताए गए हैं, उनका पालन करना बहुत जरूरी होता हैं।
अखंड ज्योति जलाने के नियम
अखंड ज्योति (Akhand Jyoti) को सीधे जमीन पर न रखें बल्कि लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर दीपक रखें।
अखंड ज्योति की विधि-विधान से पूजा करें। ज्योति प्रज्वलित करने से पहले इसका संकल्प लें और पूरे भक्ति-भाव से मां दुर्गा से इसे निर्विघ्न पूरा करने की प्रार्थना करें।
अखंड ज्योति 9 दिनों तक चौबीसों घंटे प्रज्वलित रहनी चाहिए। दिए की लौ किसी भी सूरत में बुझनी नहीं चाहिए, ऐसा होना बहुत ही अशुभ होता हैं लिहाजा इसके लिए पर्याप्त इंतजाम करें।
अखंड ज्योति को बिना हाथ धुले न छुएं।
अखंड ज्योति के लिए शुद्ध देसी घी का ही इस्तेमाल करना अच्छा होता है मगर ऐसा संभव न हो तो तिल या सरसों का तेल प्रयोग करें।
अगर घर में अखंड ज्योति प्रज्वलित न कर पाएं तो मंदिर में जाकर ज्योति के लिए घी दान करें।