न्यू बॉर्न बेबी का खास ख्याल रखने की जरुरत होती है। न्यू बॉर्न बेबी को हर दो से ढाई घंटे में दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। न्यू बॉर्न बेबी की फीडिंग में बहुलेकर सावधानी भी बरतनी होती है।
New Born Baby Care: न्यू बॉर्न बेबी का खास ख्याल रखने की जरुरत होती है। न्यू बॉर्न बेबी को हर दो से ढाई घंटे में दूध पिलाने की सलाह दी जाती है। न्यू बॉर्न बेबी की फीडिंग में बहुलेकर सावधानी भी बरतनी होती है। कई लोग जन्म के कुछ समय बाद ही बच्चे को पानी पिलाने लगते हैं, जो खतरनाक हो सकता है। ऐसे में आज डॉक्टर से जानेंगे कि जन्म के कितने दिनों बाद नवजात को पानी पिला सकते हैं।
डॉक्टर के मुताबिक, बच्चे को पैदा होने के बाद 6 महीने तक सिर्फ मां का दूध ही देना चाहिए। जिन महिलाओं को ब्रेस्ट मिल्क नहीं आ रहा है, उन्हें डॉक्टर की सलाह पर इंफेंट फॉर्मूला दिया जा सकता है। उनकी भूख कंप्लीट करनी चाहिए। कुछ लोगो का मानना होता है की गर्मी की वजह से बच्चों का गला सूखता है इसलिए पानी पिला सकते हैं। ऐसा भूलकर भी न करें। बच्चों को छह महिने से पहले पानी न पिलाएं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स के अनुसार, जन्म से 6 महीने तक बच्चे को पानी भूलकर भी नहीं पिलाना चाहिए। उनके लिए ब्रेस्टमिल्क और फॉर्मूला दोनों में ही पानी पर्याप्त मात्रा में होती है। ब्रेस्ट फीडिंग के बाद बच्चे को पानी पिलाने से डाइजेशन सिस्टम बिगड़ सकता है, जिससे उन्हें दिक्कतें हो सकती हैं।
डॉक्टर्स के मुताबिक, 6 महीने तक बच्चों का डाइजेस्टिव और इम्यून सिस्टम काफी तेजी से डेवलप होता रहता है। ऐसे में सिर्फ मां का दूध ही अच्छा होता है। इससे बच्चों को वेट गेन में काफी मदद मिलती है। जब बच्चों को पानी या जूस पिलाया जाता है तो उनका वजन कम हो सकता है। इससे उनकी ग्रोथ प्रभावित हो सकती है।
डॉक्टर्स बताते हैं कि जन्म के 6 महीने के बाद बच्चों को सेमीसॉलिड डाइट धीरे-धीरे देना शुरू करना चाहिए। धीरे-धीरे ही उनकी पहचान बाकी फूड्स से करवानी चाहिए। इस प्रॉसेस को फॉलो कर बच्चों की ग्रोथ को सही रखा जा सकता है।