दिल्ली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) दो दिवसीय अखिल भारतीय अधिवेशन (All India Convention) गुरुवार से आयोजित कर रहा है। इस अधिवेशन (Convention) में देश के 1500 से ज्यादा किसान प्रतिनिधि शामिल होंगे। अधिवेशन में किसान आंदोलन (Farmer Protes ) को और तेज करने की रणनीति (Strategy) बनाने पर चर्चा होगी।
नई दिल्ली। दिल्ली बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha) दो दिवसीय अखिल भारतीय अधिवेशन (All India Convention) गुरुवार से आयोजित कर रहा है। इस अधिवेशन (Convention) में देश के 1500 से ज्यादा किसान प्रतिनिधि शामिल होंगे। अधिवेशन में किसान आंदोलन (Farmer Protes ) को और तेज करने की रणनीति (Strategy) बनाने पर चर्चा होगी। बता दें कि किसान आंदोलन के आज नौ महीने पूरे हो गए हैं। तीन नए कृषि कानूनों की वापसी की मांग को लेकर गत 26 नवंबर 2020 को दिल्ली के टिकरी, सिंधु और गाजीपुर बॉर्डर पर किसान जुटना शुरू हुए थे। तब से किसानों का दिल्ली बॉर्डर (Delhi Border) पर धरना जारी है। आज किसान आंदोलन (Farmer Protes ) के नौ महीने हो गए हैं।
किसान कृषि कानून (Agricultural Law) को पूरी तरह से वापस लेना और एमएसपी पर कानूनी गारंटी देने की मांग कर रहे हैं। किसान संगठनों की सरकार से कई बार बातचीत हो चुकी है, लेकिन अभी तक इस मसले का हल नहीं निकला है। इस दौरान संयुक्त किसान मोर्चा (United Kisan Morcha ) के कई किसान नेता आंदोलन से अलग हो गए हैं। ऐसे में इस अधिवेशन में किसान आगे की क्या रणनीति बनाते हैं, उस पर सबकी नजरें टिकी हैं। पांच सितंबर को मुजफ्फरनगर ( Muzaffarnagar) में किसानो की एक बड़ी पंचायत होनी है।
किसान नेता अभिमन्यू कोहर ने बताया कि हमारे अन्य कार्यक्रमों के विपरीत, राष्ट्रीय सम्मेलन (National Convention) में सामूहिक सभा या रैली नहीं होगी, बल्कि, देश भर के किसान संघों के 1,500 प्रतिनिधि दो दिनों के लिए सिंघू बॉर्डर (Singhu Border) पर एक साथ आएंगे। हमारे प्रदर्शन को तेज करने की रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा कि सम्मेलन का उद्देश्य देश भर के किसानों को एक साथ लाना है, ताकि हर कोई इस निर्णय प्रक्रिया में शामिल हो सके कि प्रदर्शन को कैसे आगे बढ़ाया जाए?