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अब लखीमपुर खीरी में कथावाचक ने छिपाई पहचान, कथामंच से अपना नाम बताकर माफी मांगकर कथा का किया समापन

यूपी के लखीमपुर खीरी में इटावा जैसा मामला प्रकाश में आया है। यहां एक कथा वाचक पर अपनी जाति छिपाकर श्रीमद्भागवत कथा करने का आरोप है। आरोप है कि पहले कथा वाचक ने खुद को ब्राह्मण बताया था फिर कथा के दरम्यान जब लोगों को उनकी पहचान छिपाने की बात पता चली तब कथा वाचक ने अपना नाम पारस मौर्य बताया।

By संतोष सिंह 
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लखीमपुर खीरी। यूपी के लखीमपुर खीरी में इटावा जैसा मामला प्रकाश में आया है। यहां एक कथा वाचक पर अपनी जाति छिपाकर श्रीमद्भागवत कथा करने का आरोप है। आरोप है कि पहले कथा वाचक ने खुद को ब्राह्मण बताया था फिर कथा के दरम्यान जब लोगों को उनकी पहचान छिपाने की बात पता चली तब कथा वाचक ने अपना नाम पारस मौर्य बताया।

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आपको बता दें जनपद के खमरिया कस्बे में स्थित राम जानकी मंदिर प्रांगण में श्रीमद्भागवत कथा का आयोजन किया गया था। कथा के दौरान उस समय बड़ा विवाद खड़ा हो गया जब कथा व्यास के परिचय को लेकर अलग-अलग दावे सामने आए। कथा शुरू होने के पहले कथा वाचक ने स्वयं को पारस मणि तिवारी, काशी निवासी बताया। छह दिन तक कथा सुचारू रूप से चली और सैकड़ों लोगों ने श्रद्धा व सहयोग से हिस्सा लिया लेकिन सातवें दिन भंडारे व पूर्ण आहुति के अवसर पर अचानक सोशल मीडिया और ग्रामीणों के माध्यम खबर फैल गई कि व्यास जी वास्तव में काशी के ब्राम्हण न होकर बल्कि छलरिया मैगलगंज के निवासी हैं और उनका असली नाम पारस मौर्य हैं। कई लोगों ने कथा वाचक से जब इस विषय में सवाल किया तो उन्होंने खुद को पहले ब्राह्मण बताते हुए मौर्य होने से इनकार किया बाद में खुद की असली पहचान बताकर कथा मंच से भरे पंडाल में सभी से माफी मांगकर कथा का समापन किया।

रिपोर्ट-शुभम शक्ति धर त्रिपाठी, लखीमपुर खीरी

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